Piramal Group: पिरामल समूह (Piramal Group) अब बैंकिंग क्षेत्र में हाथ आजमाने की तैयारी में है. पिरामल समूह के चेयरमैन अजय पिरामल ने एक इंटव्यू में इस बात के संकेत दिए हैं. मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, अजय पिरामल का कहना है कि जब भी अवसर आएंगे हम उन पर गौर करेंगे. बताया जा रहा है पिरामल समूह आईडीबीआई बैंक लिमिटेड या फिर अन्य सरकारी बैंक का आधिग्रहण कर सकती है. हालांकि इस पर ग्रुप की तरफ से कोई बयान नहीं आया है.
सरकार बेच रही है हिस्सेदारी
सरकार के पास IDBI की 49.24% हिस्सेदारी है, जबकि एलआईसी के पास इसकी हिस्सेदारी 49.23 फीसद है. सरकार और एलआईसी मिलकर इसके 60.7% हिस्से को बेचने की योजना बना रहे हैं. सरकार ने 2021-22 के केंद्रीय बजट में आईडीबीआई बैंक के अलावा, एक सामान्य बीमा कंपनी के साथ-साथ दो राज्य-में चलने वाले बैंकों के निजीकरण का ऐलान भी किया था. हालांकि आईडीबीआई के अलावा, बाकी अन्य नामों का ऐलान नहीं किया गया. लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था कि ये दो बैंक सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक थे, लेकिन सरकार ने इन पर कोई प्रस्ताव नहीं रखा.
कब हो सकता प्रस्ताव
सरकार अपनी योजना को फिर से तैयार कर रही है और बताया जा रहा है कि निजीकरण पर प्रस्ताव 2024 में आम चुनाव के बाद हो सकता है. दरअसल, निजीकरण को लेकर लगातार विरोध भी हो रहे हैं. अधिग्रहण के अलावा, पिरामल ने कहा कि पिरामल समूह अवसर आने पर बैंकिंग लाइसेंस के लिए नियामकों के अनुरूप बनने के लिए खुद को तैयार रख रहा है.
भारत की सबसे बड़ी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी
गौरतलब है कि पिरामल समूह भारत की सबसे बड़ी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) में से एक है, जिसके पास 31 मार्च तक 64,000 करोड़ रुपए की प्रबंधनाधीन संपत्ति है. पीईएल की एक हाउसिंग फाइनेंस सहायक कंपनी, पिरामल कैपिटल एंड हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड है, जिसने 2021 में दिवालिया प्रोसेस से गुजर रही दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्प लिमिटेड (डीएचएफएल) को 34,250 करोड़ रुपए में खरीदा था. अजय पिरामल दिग्गज बिजनेस मैन मुकेश अंबानी के समधी हैं.