भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (IT) सेक्टर पर मंदी का भारी असर देखने को मिल रहा है. यहां नौकरियों में ज़बरदस्त कमी आई है. जॉब सर्च सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डइन के आंकड़े बताते हैं कि भारतीय IT सेक्टर में अप्रैल के दौरान नौकरियां 28 महीने के सबसे निचले स्तर पर आ गई हैं. विशेषज्ञ स्टाफिंग फर्म Xpheno के आंकड़ों के मुताबिक मार्च की तुलना में अप्रैल में यहां नौकरियां 21 फ़ीसदी तक कम हो गईं जबकि साल दर साल आधार पर इस सेक्टर में 54 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. रोज़गार प्लेटफॉर्म Indeed के अनुसार भी आईटी सर्विसेस और प्रॉडक्ट्स से जुड़ी जॉब पोस्टिंग घटकर आधी हो गई हैं.
टॉप-3 कंपनियों ने कम दीं नौकरियां
वित्त वर्ष 2023 में पिछले वित्त साल की तुलना में शीर्ष तीन भारतीय आईटी कंपनियों- टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), इंफोसिस (Infosys) और एचसीएल टेक (HCL Tech) ने 65 फीसदी कम कर्मचारियों को अपने साथ जोड़ा है. इन तीनों कंपनियों ने जहां वित्त वर्ष 2022 में 1 लाख 97 हज़ार लोगों को नौकरी दी थी. वही वित्त वर्ष 2023 में यह आंकड़ा केवल 68,886 ही रह गया. नौकरियों के आंकड़ों से पता चलता है नौकरियों का प्रभाव मिड से सीनियर लेवल की भूमिकाओं पर सबसे ज्यादा पड़ा है. सूत्रों के अनुसार जब तक कि महत्वपूर्ण न हो कई कंपनियां खाली पड़ी नौकरियों को फिर से भरने की जल्दी में नहीं हैं.
क्या है वजह?
आईटी क्षेत्र के सलाहकारों और नौकरी बाजार से जुड़े एक्सपर्ट्स का कहना है कि आईटी सर्विस फर्म वैश्विक बैंकिंग क्षेत्र में उथल-पुथल की वजह से नई नौकरियां देने से पहले सतर्कता बरत रहीं हैं. अमेरिका में बैंकिंग संकट को देखते हुए कई कॉर्पोरेट और खुदरा ग्राहक क्षेत्रीय बैंकों से बड़े बैंकों की ओर रुख कर रहे हैं. वहीं विपरीत वैश्विक परिस्थितियों का कंपनियों के राजस्व पर भी असर होगा इसलिए ऐसी भी उम्मीद जताई जा रही है कि अगली कुछ तिमाहियों में कई भारतीय कंपनियां बाज़ार से बाहर हो सकती हैं. एक्सपर्ट का मानना है कि कम से कम दो तिमाही बाद टेक इंडस्ट्री में नौकरियों को लेकर कुछ उम्मीद नज़र आ सकती है.