चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के ड्रीम प्रोजेक्ट बेल्ट रोड इनिशिएटिव यानी BRI प्रोजेक्ट को बड़ा झटका देते हुए इटली ने उससे बाहर होने का फैसला किया है. दिल्ली में चल रही G-20 बैठक के दौरान इटली की प्रधानमंत्री जोर्जिया मेलोनी ने चीन के प्रधानमंत्री से कहा कि उनके देश ने BRI प्रोजेक्ट से बाहर होने का फैसला किया है. चीन ने प्रधानमंत्री ने इलटी की प्रधानमंत्री को BRI प्रोजेक्ट में बने रहने के लिए मानाने का भरपूर प्रयास किया, लेकिन इटली नहीं माना.
G-7 देशों में इटली एकमात्र देश है जो चीन की बेल्ट रोड परियोजना से जुड़ा है, लेकिन पिछले कुछ महीनों से इटली की तरफ से लगातार इस तरह के बयान आ रहे थे कि उनके देश को इस परियोजना से कोई लाभ नहीं हो रहा. इटली की प्रधानमंत्री इस परियोजना को एक बड़ी गलती तक कह चुकी हैं. इटली की तरफ से BRI प्रोजेक्ट को छोड़ने का फैसला ऐसे समय पर हुआ है जब कुछ हफ्ते पहले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने BRI प्रोजेक्ट से जुड़े देशों के साथ बीजिंग में महत्वपूर्ण बैठक की थी.
ऐसी संभावना जताई जा रही कि इटली ने BRI को छोड़ने का फैसला अमेरिका के दबाव में किया है, हालांकि इटली की तरफ से यह साफ किया गया है कि उनके इस फैसले में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं है. सितंबर की शुरुआत में ही इटली के विदेश मंत्री ने बयान दिया था कि BRI प्रोजेक्ट इटली की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरा है.
चेीन के BRI प्रोजेक्ट के साथ जितने भी देश जुड़े हैं, उनमें अधिकतर देशों का चीन के साथ व्यापार डिफिसेट में चल रहा है, चीन से उन देशों को एक्सपोर्ट बढ़ रहा है और वे देश चीन की तुलना में कम एक्सपोर्ट कर रहे हैं. इटली के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है. BRI में शामिल होने से पहले चीन से इटली को सालाना करीब 33.5 अरब यूरो का निर्यात होता था जो अब बढ़कर 50.9 अरब यूरो हो गया है. इस दौरान इटली से चीन को होने वाला निर्यात 14.5 अरब यूरो से बढ़कर 18.5 अरब यूरो तक ही पहुंच पाया है.
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