सरकार ने बोला BYD को ना

1 अरब डॉलर की लागत से स्‍थापित किए जाने वाले मोटर प्‍लांट के प्रस्‍ताव को किया खारिज

सरकार ने बोला BYD को ना

दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक वाहन और बैटरी निर्माता कंपनी BYD को बड़ा झटका लगा है. दरअसल केंद्र सरकार ने कंपनी की ओर से हैदराबाद में इलेक्ट्रिक कारों के लिए 1 अरब डॉलर की लागत से स्‍थापित किए जाने वाले मोटर प्‍लांट के प्रस्‍ताव को खारिज कर दिया है. इस प्रोजेक्‍ट में BYD, मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एमईआईएल) के साथ मिलकर काम करने वाली थी.

द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि भारत में चीनी निवेश के संबंध में सुरक्षा कारणों के चलते ये प्रस्‍ताव खारिज किया गया है. वहीं एक अन्य अधिकारी ने कहा कि भारत में मौजूदा नियम के तहत ऐसे निवेश की अनुमति नहीं मिल सकती है. बता दें इस महीने की शुरुआत में, BYD और मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर ने उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) को इसके लिए एक प्रस्ताव भेजा था. इसके बाद डीपीआईआईटी ने निवेश प्रस्ताव पर अन्य सरकारी विभागों से विचार मांगे थे.

सालाना 10 से 15 हजार गाडि़यां बनाने का था लक्ष्‍य
BYD ने अपने प्रस्ताव में सालाना 10,000-15,000 इलेक्ट्रिक कारें बनाने का लक्ष्य रखा था. जिसमें मेघा इंजीनियरिंग पूंजी लगा रही थी, जबकि बीवाईडी टेकनोलॉजी और अपने अनुभव का इस्‍तेमाल करने वाला था. इसके अलावा निवेश प्रस्ताव में बीवाईडी और मेघा की ओर से भारत में चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने और अनुसंधान एवं विकास और प्रशिक्षण केंद्र बनाने की योजना भी शामिल थी. बता दें मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर हैदराबाद स्थित इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी है, जो सड़कों, पुलों और बिजली संयंत्रों के निर्माण का काम करती है.

सरकार ने बदली थी एफडीआई नीति
अप्रैल 2020 में मोदी सरकार ने अपनी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति में बदलाव किया था. जिससे उन देशों से आने वाले निवेश के लिए सरकार की मंजूरी अनिवार्य हो गई, जिनकी भूमि-सीमा साझा है. ऐसे प्रस्तावों पर गृह सचिव की अध्यक्षता वाली एक समिति निर्णय लेती है. बता दें केंद्र ने 2030 तक 30 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन बिक्री का लक्ष्य रखा है. इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए कई प्रोत्साहनों की घोषणा भी की गई हैं.

Published - July 22, 2023, 02:34 IST