HDFC Bank: एचडीएफसी बैंक ग्रुप इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक, यस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, बंधन बैंक और सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक में 9.50 फीसद हिस्सेदारी खरीदेगा. रिजर्व बैंक ने इसके लिए एचडीएफसी बैंक ग्रुप मंजूरी दे दी है. अब इस ग्रुप की एसेट मैनेजमेंट कंपनी, एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी और एचडीएफसी एर्गो इन सभी बैंकों में हिस्सेदारी खरीदने के लिए निवेश करेगी. एचडीएफसी बैंक ग्रुप ने शेयर मार्केट को जानकारी दी है.
रिजर्व बैंक ने ने शर्तों के साथ दी मंजूरी
रिजर्व बैंक ने एचडीएफसी बैंक समूह को इन सभी बैंकों में हिस्सेदारी बढ़ाने की मंजूरी बैंकिंग अधिनियम, 1949 के तहत दी है. इसमें फेमा के साथ ही सेबी और दूसरे नियम भी लागू होंगे. रिजर्व बैंक ने एचडीएफसी बैंक ग्रुप को इसके लिए केवल एक साल का समय दिया है. आरबीआई के अनुसार, अगर तय समय यानी एक साल के भीतर एचडीएफसी बैंक ग्रुप ने इन डील्स को पूरा नहीं किया तो इस स्थिति में यह मंजूरी रद्द हो जाएगी. इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने एचडीएफसी के सामने यह भी शर्त रखी है कि एचडीएफसी समूह की हिस्सेदारी इंडसइंड बैंक में 9.5 फीसदी से ज्यादा की नहीं होनी चाहिए. इतना ही नहीं, अगर ग्रुप की कुल हिस्सेदारी इंडसइंड और यस बैंक में 5 फीसद या उससे कम होती है और उसके बाद एचडीएफसी बैंक समूह अपनी हिस्सेदारी को 9.5 फीसद करना चाहे तो ऐसी स्थिति में उसे अपनी होल्डिंग को आगे बढ़ाने के लिए आरबीआई से दोबारा मंजूरी लेनी पड़ेगी. यानी कुल मिलकर आरबीआई ने शर्तों के साथ मंजूरी दी है.
इंडसइंड बैंक और यस बैंक के शेयर होल्डिंग का क्या है पैटर्न?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इंडसइंड बैंक में प्रमोटर इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग लिमिटेड और इंडसइंड लिमिटेड की कुल बैंक में 16.45 फीसद हिस्सेदारी है. विदेशी निवेशकों के पास बैंक का 38.24 फीसद हिस्सा है. जबकि दिसंबर 2023 के डाटा के अनुसार बैंक की 15.63 फीसद हिस्सेदारी म्यूचुअल फंड्स के पास है. एलआईसी के पास बैंक की 7.04 फीसद हिस्सेदारी है. जबकि यस बैंक का 100 फीसद हिस्सा पब्लिक के पास ही है. इसमें एसबीआई के कंसोर्टियम के पास 37.23 फीसद, एलआईसी के पास 4.34 फीसद हिस्सा और बैंक में आईसीआईसीआई बैंक के पास 3.43 फीसद और एक्सिस बैंक के पास 2.57 फीसद हिस्सेदारी है.