कर्ज के भारी संकट में फंसी विमानन कंपनी गो फर्स्ट (Go First) की मुश्किलें दो होती नहीं दिख रही हैं. कर्ज देने वाले बैंकों के समूह (COC) ने कंपनी इंतरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (IRP) अभिलाष लाल को हटा दिया. दिवालिया प्रक्रिया से जुड़े अभिलाष की भूमिका पहले दिन से ही संदिग्ध मानी जा रही थी. अब कर्ज देने वाले बैंकों ने शैलेन्द्र अजमेरा को नया रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (RP) नियुक्त किया है. बैंकों ने इस नियुक्ति को मंजूरी के लिए एनसीएलटी में भेजा है. इससे संकटग्रस्ट एयरलाइन की मुश्किलें और बढ़ गई है. ऐसे में कंपनी की उड़ानें बहाल होने की प्रक्रिया लटक सकती है.
गो फर्स्ट को कर्ज देने बैंक ऑफ बड़ौदा, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, आईडीबीआई और डायचे बैंक के अधिकारियों ने शुक्रवार को एक बैठकी. बैंकों ने कमेटी गठित एयरलाइन के मुख्यालय का दौरा किया. कमेटी ने अर्नेस्ट एंड यंग (EY) के अधिकारी शैलेन्द्र अजमेरा का रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल नियुक्त कर दिया. बैंकों इस नियुक्ति की मंजूरी के लिए एनसीेएलटी में आवेदन किया है.
सूत्रों का कहना है कि बंद पड़ी एयरलाइन लिए के रिवाइवल प्लान को सपोर्ट करने के लिए कुछ बैंक उसे अंतरिम फाइनेंस की मंजूरी दे सकते हैं. अगर यह योजना सिरे चढ़ी तो कंपनी की कुछ राहत मिल सकती है. बता दें कि गो फर्स्ट से नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने कहा था कि रिवाइवल प्लान सौंपने से पहले कंपनी को बैंकों से पैसे के लिए मंजूरी लें.
तीन मई से बंद हैं उड़ानें
वित्तीय संकट की वजह से गो फर्स्ट की उड़ानें तीन मई से बंद हैं. अब तक कंपनी 13 बार उड़ानें रद्द करने का फैसला ले चुकी है. कंपनी ने अब 14 जून तक उड़ाने रद्द करने का फैसला किया है. पहले गो फर्स्ट की उड़ाने 12 जून तक कैंसिल थी. कंपनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर बताया कि परिचालन संबंधी कारणों की वजह से 14 जून 2023 तक गो फर्स्ट की सभी उड़ानों को रद्द कर दिया गया है. उड़ानें रद्द होने की वजह से यात्रियों को होने वाली असुविधा के लिए कंपनी ने माफी मांगी है. विमानन कंपनी के मुताबिक रद्द उड़ानों के लिए हवाई यात्रियों को पूरा रिफंड वापस किया जाएगा.
आसान नहीं राह
डीजीसीए ने कंपनी से देनदारियों को लेकर वित्तीय ब्योरा मांगा है. साथ में यह भी पूछा है कि कंपनी के पास कामकाज चलाने के लिए कितना पैसा पड़ा है. हवाई टिकट बुक करने वाले एजेंट्स का कंपनी पर भारी बकाया फंसा हुआ है और जबतक कंपनी टिकट एजेंट्स को बुकिंग के लिए राजी नहीं करती तब तक नए सिरे से सेवा शुरू कर पाना आसान नहीं है.
स्पाइसजेट की भी मुश्किलें बढ़ीं
गो फर्स्ट के अलावा दूसरी एयरलाइन स्पाइसजेट के लिए भी मुश्किलें बढ़ गई हैं. स्पाइस जेट को लीज पर विमान देने वाली कंपनियों ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में याचिका दाखिल कर विमान छुड़ाने की मांग की है.