गो फर्स्ट एयरलाइन की मुसीबत खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. DGCA ने ऑडिट में पाया है कि एयरलाइन के पास अपने परिचालन को दोबारा शुरू करने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं है. कंपनी के पास पायलटों और टेक्निकल कर्मचारियों की संख्या कम है, जिससे परिचालन शुरू होने में दिक्कत आ सकती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि एयरलाइन को परिचालन को फिर से शुरू करने के लिए या तो उड़ानों के दिनों को कम करना होगा या फिर ज्यादा लोगों को नियुक्त करना होगा. रिपोर्ट के आने के बाद कंपनी ने अपनी बहाली की योजनाओं में पहले के मुकाबले करीब 30 फीसद की कटौती का फैसला किया है.
बता दें कि DGCA ने 4 से 6 जुलाई के बीच दिल्ली और मुंबई में गो फर्स्ट के ठिकानों का स्पेशल ऑडिट किया था. इसके अलावा बंग्लुरू, नागपुर, अहमदाबाद, कोच्चि और कन्नूर में खड़े विमानों का भी ऑडिट किया था. बता दें कि गो फर्स्ट ने नौ मई को एनसीएलटी में दिवालियापन की घोषणा के लिए आवेदन सौंपा था. कंपनी ने वित्तीय संकट के कारण तीन मई 2023 से अपनी उड़ानें निलंबित कर दी थीं.
DGCA ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट में 13 मुद्दे उठाएं हैं, इनमें प्रशिक्षित पायलटों की कमी, फंडिंग, रिफंड और स्पेयर पार्ट्स से जुड़े मामले जैसे मुद्दे शामिल हैं. एयरलाइन के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि कंपनी ने 15-18 विमानों के साथ रोजाना 130 उड़ानों के साथ परिचालन शुरू करने का फैसला किया है. हालांकि इसके लिए DGCA से मंजूरी अभी बाकी है. वहीं अगले हफ्ते 22 विमानों के साथ रोजाना 160 उड़ानों तक इसे बढ़ाया जाएगा. हालांकि अधिकारी का कहना है कि बहाली के बाद एयरलाइन के बेड़े में चार रिजर्व विमान के साथ 22 विमान रखने और रोजाना 160 उड़ानों की योजना में कोई बदलाव नहीं हुआ है. जून के पहले सप्ताह में गो फर्स्ट की ओर से डीजीसीए को सौंपी गई प्री-ऑडिट आरंभिक बहाली योजना में एयरलाइन ने पेरोल पर 115 कैप्टन और 225 अधिकारियों को शामिल किया था. इसके अलावा एयरलाइन ने कहा था कि वह लगभग 160 दैनिक उड़ानों के लिए 26 विमानों के साथ अपनी सेवाएं फिर से शुरू करेगी.
डीजीसीए की अनुमति के बाद उठाएंगे कदम
एयरलाइन के एक अधिकारी का कहना है कि डीजीसीए ने ऑडिट के बाद एयरलाइन कंपनी से अतिरिक्त जानकारी मांगी थी, जिसे सौंप दिया गया है. चिंता की कोई बात नहीं है. एयरलाइन के पास 22 विमान तैयार हैं और चार रिजर्व में हैं. जैसे ही डीजीसीए से अनुमति मिलेगी वैसे ही विमान एवं लोग तैनात करने शुरू कर दिए जाएंगे.