चीन को झटका! फॉक्सकॉन बढ़ाएगी भारत में निवेश

फॉक्सकॉन ने भारत में अपना निवेश और रोजगार को दोगुना करने का ऐलान किया है

चीन को झटका! फॉक्सकॉन बढ़ाएगी भारत में निवेश

एप्पल (Apple) की पार्टनर कंपनी और सप्लायर फॉक्सकॉन (Foxconn Technology Group) ने चीन को बड़ा झटका दिया है. फॉक्सकॉन ने भारत में अपना निवेश और रोजगार को दोगुना करने का ऐलान किया है. दरअसल, चीन और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के बाद चीन से काफी हद तक मैन्युफैक्चरिंग शिफ्ट हो रही है. अब फॉक्सकॉन का भारत में विस्तार इस बात को बता रहा है कि मैन्युफैक्चरिंग अन्य विकासशील देशों में पैर बढ़ा रहा है.

फॉक्सकॉन का बड़ा ऐलान
भारत में फॉक्सकॉन के प्रतिनिधि वी ली ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी है. वी ली ने अपने लिंक्डइन पोस्ट में पीएम नरेंद्र मोदी को जन्मदिन की बधाई देते हुए कहा कि ताइवानी कंपनी फॉक्सकॉन भारत में अपने कारोबार का आकार दोगुना करने की योजना बना रही है. हालांकि इस विस्तार को लेकर कंपनी की तैयारियों के बारे में उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी है. ली ने कहा ‘हम भारत में रोजगार, FDI और व्यापार के आकार को दोगुना करने का लक्ष्य रखते हुए, अगले साल आपको एक बड़ा जन्मदिन का उपहार देने के लिए और भी अधिक मेहनत करेंगे.’

100,000 नौकरियां पैदा होने की उम्मीद
इससे पहले पिछले महीने होन हाई के चेयरमैन यंग लियू ने फॉक्सकॉन के भारत में निवेश बढ़ाने के इरादे की पुष्टि की थी. यह भारत में पहले से ही 9 प्रोडक्शन कैम्पस और 30 से अधिक कारखानों का संचालन करता है, जिसमें हजारों लोग काम करते हैं. लियू ने कहा कि कंपनी देश में और विस्तार करने के शुरुआती चरण में है, जहां उसे सालाना लगभग 10 बिलियन डॉलर का रेवेन्यू मिलता है. ताइवानी कंपनी फॉक्सकॉन के पास बेंगलुरु में हवाई अड्डे के करीब 300 एकड़ की साइट है, उस प्लांट में आईफोन असेंबल करने की संभावना है और इससे लगभग 100,000 नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है.

चीन को झटका
भारत में फॉक्सकॉन के विस्तार के ऐलान से यह साफ हो गया है कि चीन के ऊपर कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स के दुनिया के सबसे बड़े उत्पादक का ताज अब छिन सकता है. एप्पल और दूसरे अमेरिकी ब्रैंड भारत और वियतनाम जैसे विकासशील देशों में वैकल्पिक स्थानों का पता लगाने के लिए अपने चीनी-बेस्ड सप्लायर्स पर निर्भर हैं. ये ग्लोबल सप्लाई चेन की खोज कोरोना महामारी और यूक्रेन-रूस युद्ध के दौरान तेज हो गई है और यह ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स के अब तक के पैटर्न को बदल सकती है.

Published - September 18, 2023, 01:00 IST