प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने बीते शनिवार दुनिया के सबसे मूल्यवान एडटेक स्टार्टअप Byju’s से जुड़ी 3 जगहों पर छापेमारी की है. इसमें स्टार्टअप के CEO Byju Raveendran के घर और दफ्तर शामिल हैं. Byju’s पर आरोप है कि उसने विदेशी कंपनियों से लिए निवेश में फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट यानी FEMA नियमों का उल्लंघन किया है. ED की छापेमारी में पता चला कि साल 2011 से 2023 के दौरान Byju’s में 28 हजार करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया है. इस बीच रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि Byju’s से जुड़े लेनदेन और कर्जों को लेकर ED जल्द कई बैंकों से जानकारी ले सकता है. आशंका यह भी जताई जा रही है कि ED की छापेमारी के बाद Byju’s को नई फंडिंग जुटाने में दिक्कत हो सकती है. इस मामले पर सफाई देते हुए Byju’s के CEO Raveendran ने अपने कर्मचारियों को मेल लिखकर साफ किया है कि Byju’s में 28 हजार करोड़ रुपए का FDI निवेश आया है. देश में किसी भी स्टार्टअप की ओर से अब तक का सबसे बड़ा विदेशी निवेश है और ये सारा पैसा बैंकिंग channels यानी बैंकों के जरिए आया है.
कर्ज मुक्त होगी वेदांता?
मेटल एंड माइनिंग कंपनी वेदांता (Vedanta) के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने वीकेंड पर दो बड़े ऐलान किए हैं. पहला ये कि उन्होंने अगले 2-3 साल में कर्ज मुक्त होने की शपथ ली है. उनके मुताबिक ग्रुप के पास अपने कर्ज के भुगतान को पूरा करने के लिए पर्याप्त कैशफ्लो मौजूद हैं. Agarawal ने कहा कि ग्रुप के कर्ज भुगतान की क्षमता के लेकर सवालिया निशान खड़े किए जाना एकदम बेतुका है. उन्होंने आगे कहा कि ग्रुप अगले साल 30 अरब डॉलर की आय और 9 अरब डॉलर का मुनाफा दर्ज करेगा जो कर्ज भुगतान से जुड़े सारे पेमेंट्स के लिए पर्याप्त होगा. गौरतलब है कि अदानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अधिक कर्ज वाले कॉर्पोरेट्स पर जांच बढ़ने के मद्देनजर उनकी ओर से ये बयान सामने आया है. वेदांता पर कुल 13 अरब डॉलर का कर्ज है. उन्होंने ये भी कहा कि इतने साइज वाली कंपनियों में ग्रुप का पूरी दुनिया में सबसे कम कर्ज है. दूसरी बड़ी घोषणा ये है कि कर्ज की चिंताओं के बावजूद उन्होंने तेल-गैस, जिंक और एल्यूमिनियम के उत्पादन में बढ़ोतरी की आक्रामक योजना तैयार की है. अगले 2 साल में 3 लाख बैरल और 4-5 साल में 5 लाख बैरल तेल-गैस उत्पादन का लक्ष्य है जो FY23 में 1.42 लाख बैरल था. इसी तरह जिंक का उत्पादन 3 गुना बढ़ाकर करीब 30 लाख टन करने का लक्ष्य है. इस तरह 2030 तक ग्रुप की 100 अरब डॉलर की कंपनी बनने का लक्ष्य है जो मौजूदा 20 अरब डॉलर पर है