दूरसंचार विभाग की भारती एयरटेल के ऊपर आकस्मिक देनदारियां वित्त वर्ष 2018 और वित्त वर्ष 2023 के बीच दोगुनी से ज्यादा हो गई हैं. देनदारियों में वन टाइम स्पेक्ट्रम चार्ज (OTSC) की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है. आईआईएफएल सिक्योरिटीज ने कंपनी के आंकड़ों का विश्लेषण करते हुए कहा है कि भारती एयरटेल के ऊपर दूरसंचार विभाग की आकस्मिक देनदारियों में सालाना आधार पर तेज बढ़ोतरी देखने को मिली है. भारती एयरटेल के ऊपर वित्त वर्ष 2018 में देनदारियां 4,100 करोड़ रुपए थी, जो कि वित्त वर्ष 2023 में बढ़कर 11,500 करोड़ रुपए हो गई है.
गौरतलब है कि आकस्मिक देनदारियों को संभावित नुकसान के रूप में देखा जाता है जो किसी विशिष्ट घटना के परिणाम के आधार पर हो सकता है. पिछले महीने बीएसई को एयरटेल की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक दूरसंचार विभाग को टेलीकॉम कंपनी OTSC का बकाया 15,178 करोड़ रुपए होने का अनुमान है. आईआईएफएल ने अपने ग्राहकों को एक नोट के जरिए कहा है कि कंपनी की ओर से इसके लिए करीब 8,500 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं, जबकि 6,600 करोड़ रुपए को आकस्मिक देनदारियों के रूप में माना है.
बता दें कि 11 साल पुराने वन टाइम स्पेक्ट्रम चार्ज से जुड़े वैधानिक बकाये को लेकर सरकार और टेलीकॉम कंपनियों के बीच एक बड़ी कानूनी लड़ाई जारी है और मामला सुप्रीम कोर्ट और बॉम्बे हाई कोर्ट में लंबित है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 2जी घोटाले को देखते हुए 2012 में 122 टेलीकॉम परमिट को रद्द कर दिया था और उसके तुरंत बाद सरकार ने दूरसंचार कंपनियों पर वन टाइम स्पेक्ट्रम चार्ज लगा दिया था. सरकार ने उस दौरान कहा था कि स्पेक्ट्रम का आवंटन नीलामी के जरिए करना सबसे अच्छा है.