रोजमर्रा के उत्पाद (FMCG) बनाने वाली कंपनी डाबर इंडिया को ग्रामीण बाजारों में अच्छी वापसी की उम्मीद है. कंपनी का मानना है कि अगले 3-4 तिमाहियों में इन बाजारों की वृद्धि शहरी बाजार के बराबर हो जाएगी. डाबर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मोहित मल्होत्रा ने कहा कि जैसे-जैसे जिंस की कीमतों में गिरावट के साथ मुद्रास्फीति कम हो रही है, उन बाजारों में धीमी गति से ही सही वापसी हो रही है. यह ग्रामीण और शहरी के बीच वृद्धि दर के अंतर को कम कर रही है.
एमएसपी में बढ़ोतरी, शीतकालीन फसलों की अच्छी बुआई और चुनावी मौसम जैसे कारकों के दम पर देश के कुछ हिस्सों में बारिश के व्यवधान के बावजूद ग्रामीण बाजार में सुधार जारी रहने की संभावना है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर में कमी आई है और उपभोक्ता विश्वास सूचकांक भी अब तक के उच्चतम स्तर पर है, जो लगभग कोविड-19 वैश्विक महामारी के पहले स्तर तक पहुंच गया है.
मल्होत्रा ने पीटीआई से कहा, ‘वास्तव में मैं देख रहा हूं….सुधार के अच्छे संकेत हैं. त्योहारों का सीजन भविष्य के लिए अच्छा संकेत लाया है, इसलिए मैं बहुत आशान्वित हूं.’ कंपनी के डाबर च्यवनप्राश, डाबर हनी, डाबर हनीटस, डाबर पुदीनहारा, डाबर लाल टेल, डाबर आंवला, डाबर रेड पेस्ट, रियल जैसे पावर ब्रांड हैं. कंपनी कम मात्रा व मूल्य वाले पैक के साथ ग्रामीण क्षेत्र में अपनी पहुंच बढ़ा रही है.
ग्रामीण वृद्धि के शहरी बाजारों के बराबर आने की संभावना पर किए सवाल पर मल्होत्रा ने कहा, ‘यह समय व स्थिति पर निर्भर करता है. मुझे लगता है कि ग्रामीण वृद्धि को शहरी बाजारों के बराबर आने में तीन-चार तिमाहियां और लगेंगी.’ हालांकि, उन्होंने कहा कि शहरी बाजार आधुनिक व्यापार और ई-वाणिज्य जैसे नए जमाने के माध्यमों से भी संचालित होता है जो एफएमसीजी कारोबार में लगभग 20-25 प्रतिशत का योगदान दे रहे हैं.