भारत में अपने रिटेल बैंकिंग कारोबार को एक्सिस बैंक को बेच चुका सिटीग्रुप एक बार फिर बड़े स्तर पर कर्मचारियों की छंटनी करने जा रहा है. कंपनी के इस फैसले से इनवेस्टमेंट बैंकिंग डिवीजन से लेकर कई सेक्टर प्रभावित होंगे. सिटीग्रुप के सीईओ जेन फ्रेजर का ‘प्रोजेक्ट बोरा बोरा’ जांच के दायरे में है. इसमें विभिन्न प्रमुख डिवीजनों में कम से कम 10% की नौकरी में कटौती की आशंका है. इस घोषणा के बाद, कर्मचारियों में चिंता बढ़ गई है.
2021 की शुरुआत में फ्रेजर के पदभार संभालने के बाद से ही बैंक अपने प्रतिद्वंद्वियों से मुकाबला करने के लिए जूझ रहा है. रेबर्न हाउस ऑफिस बिल्डिंग में सुनवाई के दौरान फ्रेजर ने प्रोजेक्ट बोरा-बोरा की जानकारी दी. इस कटौती के तहत चीफ ऑफ स्टाफ और मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों जैसे पदों पर भी कटौती की आशंका है. बताया जा रहा है कि चौथी तिमाही की कमाई की घोषणा के साथ जनवरी में योजना और इसके वित्तीय प्रभाव को अपडेट किया जा सकता है.
आंकड़ों के अनुसार, बैंकिंग सेक्टर के सिटीग्रुप ने Q3 2023 के अनुसार 72.55B USD के राजस्व के साथ मार्केट कैप 80.88B USD बनाया है. कंपनी लगातार नकदी की समस्या से जूझ रही है. हालांकि इस बैंक की राजस्व में तेजी आई है.
सिटीग्रुप ने इस साल अपने 2,000 एम्प्लॉइज की छंटनी की है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, इस छंटनी से कंपनी का साल के लिए टोटल सेवरेंस चार्जेस (बर्खास्तगी की लागत) 650 मिलियन डॉलर यानी 5,413 करोड़ रुपए हो गया है.