पुराने सामानों की ऑनलाइन बिक्री करने वाले प्लेटफॉर्म OLX का भारतीय ऑटोमोबाइल बिजनेस बिकने जा रहा है. पुरानी गाड़ियां बेचने वाली कंपनी कारट्रेड (CarTrade) ने OLX India की इकाई Sobek Auto India की 100 फीसद हिस्सेदारी खऱीदने की डील की है. हालांकि यह पहली बार नहीं है जब OLX ने अपना कारोबार बेचा है.
OLX की क्या हैं चुनौतियां?
OLX को Cars24, Maruti True Value, Mahindra First Choice Wheels, Droom जैसे यूज्ड ऑटोमोबाइल प्लेटफॉर्म से कड़ी चुनौती मिल रही है. साथ ही फेसबुक मार्केटप्लेस, इंस्टाग्राम बिजनेस पेज की बढ़ती लोकप्रियता भी उसकी मुश्किलें बढ़ा रही हैं. भारतीय बाजार में करीब 15 साल बिता चुकी OLX एक के बाद दूसरा वर्टिकल या तो बेच रही है या दुकान समेट रही है. इससे पहले अक्टूबर 2020 में OLX ने अपने रियल एस्टेट और सेकेंड हैंड सामानों की बिक्री वाले प्लेटफॉर्म पर ताला लगाया था. इस प्रक्रिया में करीब 200 लोगों की नौकरी चली गई थी.
दुनियाभर में समेट रही कारोबार
भारत ही नहीं, दुनियाभर में OLX के क्लासिफाइड बिजनेस की चमक फीकी पड़ती जा रही है. साल 2018 के बाद से कंपनी ने कई देशों में कारोबार समेटा है. मध्य पूर्व में EPMG ग्रुप को कंपनी का अधिग्रहण किया, तो दक्षिण-पूर्व एशिया में Carousel नाम की कंपनी ने OLX को खरीद लिया. वहीं अमेरिका में इसका कारोबार OfferUP Inc का हिस्सा बन गया. इसी तरह जून 2023 में OLX ने अर्जेंटीना, मेक्सिको में अपने ऑटोमोबाइल बिजनेस को बंद करने के साथ 800 कर्मचारियों की छंटनी की है.
क्यों बिगड़ रही हालत?
इस साल की शुरुआत में OLX ने घोषणा की थी कि कंपनी 2023 में 15 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी करेगी. यानी, दुनियाभर में करीब 1,500 लोगों को नौकरी से निकाला जाएगा. इसके पीछे कंपनी ने खराब आर्थिक स्थिति का हवाला दिया था. कंपनी कई मौकों पर कह चुकी है कि अपनी वैश्विक रणनीतियों के तहत वह खराब प्रदर्शन वाले वर्टिकल बंद कर के बेहतर क्षमता वाले कारोबार पर ध्यान केंद्रित कर रही है. हालांकि, Inc24 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 की छंटनी के समय कर्मचारियों ने OLX पर आरोप लगाया था कि स्ट्रैटेजी को लेकर स्पष्टता नहीं बनने के कारण कारोबार पटरी से उतरता जा रहा है. हर 6 महीने में रणनीति बदलने का खामियाजा कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है. चर्चा यह भी सामने आई थी कि OLX की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय टीम के आगे स्थानीय मैनेजमेंट की चल नहीं पाती है. बदलाव, बिक्री जैसे मुद्दों पर ग्लोबल टीम ही फैसला लेती है.
मुनाफे आने में लगे 10 साल
साल 2009 में भारत का रुख करने वाली OLX को घाटे से मुनाफे में आने में करीब एक दशक लग गया था. साल 2018 में कंपनी ने लगभग ढाई करोड़ की कमाई के साथ ब्रेकईवन किया था. नवंबर 2018 में OLX India ने पुरानी गाड़ियों की ऑफलाइन बिक्री का कारोबार खड़ा करने के लिए जर्मनी के Frontier Car Group से हाथ मिलाया था. ‘CashMyCar’ नाम से खोले गए इन स्टोर की संख्या साल 2021 तक 150 तक पहुंचाने का लक्ष्य कंपनी ने तय किया था.
इसके बाद दिसंबर 2020 में OLX ने OLX Auto को लॉन्च किया. CashMyCar को इसी का हिस्सा बना दिया गया. अब CarTrade इसे खरीदने जा रही है. अधिग्रहण की खबरें सामने आने के बाद CarTrade का शेयर 11 जुलाई को 13.66 प्रतिशत की बढ़त के साथ 553.9 के स्तर पर बंद हुआ.