भारतीय एडटेक कंपनी बैजूस (Byju’s) ने कहा है कि वह एक साल से ज्यादा की देरी के बाद, इस सप्ताह मार्च 2022 तक के फाइनैंशियल रिजल्ट्स की जानकारी देगी. एजूकेशन स्टार्टअप बैजूस इस समय बहुत बुरे दौर से गुजर रही है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, 1.2 अरब डॉलर के टर्म लोन का पेमेंट करने से चूकने वाली Byju’s का कहना है कि लंबे समय के इंतजार के बाद, उसने ग्रुप की सभी यूनिट्स के ऑडिट का काम पूरा कर लिया है. सोमवार को कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा कि उसकी पेरेंट कंपनी थिंक ऐंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड (Think & Learn Pvt Ltd. ) द्वारा इस सप्ताह अपने समेकित नतीजों (consolidated results) में ऑडिटेड फाइनैंशियल डिटेल्स को शामिल करने की उम्मीद है.
निवेशकों में निराशा
किसी समय में धांसू रूप से आने वाली कंपनी Byju’s के शेयरहोल्डर्स अब इससे उम्मीद खो रहे हैं. दरअसल, भारत के सबसे वैल्युएबल टेक स्टार्टअप कंपनी को अपने वित्तीय रिकॉर्ड पूरे करने में बहुत समय लग रहा है. मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) अजय गोयल ने इससे पहले सितंबर के अंत तक पिछले वर्ष के ऑडिट किए गए आंकड़ों को पेश करने का वादा किया था. हालांकि कंपनी इसमें कामयाब नहीं हो पाई. गौरतलब है कि 31 मार्च, 2021 को समाप्त वित्तीय वर्ष में कंपनी को ₹4,588 करोड़ का घाटा हुआ, जो पिछले वित्तीय वर्ष से 19 गुना अधिक है. यानी कंपनी लगातार घाटे को झेल रही है और यही वजह है कि कंपनी अपनी वर्कफोर्स में कटौती करके अपनी लागत कम करने का प्रयास कर रही है.
नियामक ने की जांच
आंकड़ों में देरी के कारण रेगुलेटर्स ने इसकी जांच की और इस साल की शुरुआत में डेलॉइट हास्किन्स ऐंड सेल्स (Deloitte Haskins & Sells) को कंपनी के ऑडिटर पद से इस्तीफा देने पर मजबूर होना पड़ा. इतना ही नहीं, बैजूस को अभी मार्च 2023 तक वर्ष के फाइनैंशियल रिजल्ट्स की भी घोषणा भी करनी है. आपको बता दें कि कंपनी इस समय चौतरफा मुसीबत झेल रही है. एक तरफ कंपनी की आर्थिक हालत दिन प्रति दिन खराब होती जा रही है तो दूसरी तरफ, बैजूस और उसके लेनदारों (creditors) के बीच टर्म लोन पर ब्याज भुगतान में चूक को लेकर विवाद चल रहा है, जिसे स्टार्टअप ने कोविड महामारी के दौरान वैश्विक अधिग्रहण (global acquisition) की होड़ में मदद करने के लिए लिया था.