अदानी ग्रुप, अपनी करीब 7 साल पुरानी कंपनी अदानी कैपिटल को बेचने की तैयारी कर रहा है. कई ग्रुप इस कंपनी को खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. ताजा खबर है कि प्राइवेट इनवेस्टमेंट फर्म बेन कैपिटल इस कंपनी को खरीदने की दौड़ में सबसे आगे बना हुआ है. बेन कैपिटल के अलावा कार्लाइल ग्रुप और सेर्बेरस कैपिटल मैनेजमेंट की भी इस कंपनी पर नजरें हैं. हालांकि अभी तक आधिकारिक रूप से बेन कैपिटल और अदानी ग्रुप की ओर से इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं की गई है.
फंड जुटाने के लिए कंपनी को बेचना चाहता है अदानी ग्रुप?
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से दुनिया की कई कंपनियां अदानी ग्रुप की कंपनियों को खरीदने में दिलचस्पी दिखा रही हैं. दूसरी ओर ऐसा माना जा रहा है कि अदानी ग्रुप ऐसे बिजनेस से बाहर निकलना चाहता है जिससे उसे कोई खास फायदा नहीं हुआ है. ग्रुप का फोकस अपने कोर बिजनेस को बढ़ाना है. साथ ही अदानी कैपिटल को बेचने के पीछे, ग्रुप का उद्देश्य फंड जुटाना भी हो सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक बेन कैपिटल को कंपनी के लिए करीब 1500 करोड़ या फिर बुक वैल्यू का दोगुना चुकाना होगा. साथ ही 500 करोड़ रुपए, ग्रोथ इक्विटी के तौर पर कंपनी में निवेश करने होंगे.
कितनी बड़ी कंपनी है अदानी कैपिटल?
अदानी कैपिटल रिटेल और होलसेल लोन देने का काम करती है. कंपनी, बिजनेस लोन, कमर्शियल व्हीकल लोन, हाउसिंग फाइनेंस समेत छह वर्टिकल्स में काम करती है. FY23 में कंपनी के अंडर 3,977 करोड़ रुपए के एसेट मैनेजमेंट हैं जो पिछले साल की तुलना में 63 फीसद अधिक है. कंपनी की बुक वैल्यू 800 करोड़ रुपए आंकी गई है. अदानी कैपिटल का मैनेजमेंट पूर्व में लेहमैन ब्रदर्स और मैक्वेरी बैंकर रहे गौरव गुप्ता कर रहे हैं. अदानी ग्रुप ने अपने तमाम कारोबारों का रिव्यू किया था जिसके बाद अदानी कैपिटल को बेचने का फैसला किया गया.