ब्रिटेन की सबसे बड़ी मोबाइल और ब्रॉडबैंड कंपनी ब्रिटिश टेलीकॉम (BT Group) ने अपने 40 फीसद से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी का फैसला किया है. गुरुवार को कंपनी की तरफ से कहा गया कि 2030 तक वह अपने 55000 कर्मचारियो की छंटनी करेगी. ब्रिटिश टेलीकॉम के फिलहाल 1.3 लाख कर्मचारी हैं और वह उनकी संख्या घटाकर 75 हजार लाने पर विचार कर रही है.
क्या है वजह?
ब्रिटिश टेलीकाम अपने परिचालन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कर रही है. साथ ही समूह अपने सिस्टम में नई टेक्नोलॉजी अपनाने पर जोर दे रही है. मशीनीकरण बढ़ने से समूह में कर्मचारियों की कम जरूरत पड़ेगी. इसी गणना के आधार पर ब्रिटिश टेलीकाम ने छंटना का अनुमान जारी किया है. कंपनी स्पष्ट किया है कि यह छंटनी की कार्रवाई एक साथ नहीं बल्कि चरणबद्ध तरीके से की जाएगी.
वोडाफोन में भी बड़ी छंटनी
ब्रिटेन की ही दूसरी दिग्गज कंपनी वोडाफोन ने भी पिछले दिनों 11,000 लोगों को नौकिरी से निकालने की घोषणा की है. यह छंटनी टेलीकॉम कंपनी की रणनीतिक योजना का हिस्सा है. वोडाफोन की सर्विस भारत में भी है, भारत में यह कंपनी आदित्य बिड़ला समूह की इकाई आइडिया के साथ मिलकर कारोबार कर रही है. दरअसल, वोडाफोन का वित्त वर्ष 2023 का वित्तीय प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है. कंपनी की सीईओ डेला वैले का कहना है कि हमारा प्रदर्शन काफी अच्छा नहीं रहा है. वोडाफोन में बदलाव की जरूरत है. हम अपने संगठन को सरल बनाएंगे. अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता को फिर से हासिल करने के लिए मुश्किलों को कम करेंगे. हम अपने ग्राहकों को गुणवत्तापूर्ण सेवा देने के लिए संसाधनों का आवंटन करेंगे.
वोडाफोन इसी कड़ी में 11000 कर्मचारियों की छंटनी की दिशा में आगे बढ़ रही है. बता दें कि कंपनी के भारतीय कारोबार में भी कई संकट हैं. यह कंपनी भारत में भारी कर्ज में डूबी है. खासतौर पर सरकार का बकाया ज्यादा है. यही वजह है कि बीते दिनों सरकार ने कंपनी में हिस्सेदारी खरीदी. भारत में वोडाआइडिया (Vi) के भविष्य को लेकर संकट के बादल हैं.
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