USA sues Apple over monopoly: अमेरिकी सरकार ने iPhone बनाने वाली कंपनी मोनोपॉली यानी एकाधिकार स्थापित करने का आरोप लगाया है. अमेरिकी सरकार ने स्मार्टफोन मार्केट पर एकाधिकार जमाने और कंपटिशन को कम करने के आरोप लगाकर एप्पल के खिलाफ मुकदमा दायर किया है. अमेरिका के कई राज्यों ने भी कंपनी के खिलाफ यह मुकदमा दर्ज किया है. एप्पल पर कन्ज्यूमर को सस्ते स्मार्टफोन और डिवाइस पर स्विच करने से रोकने और सैकड़ों अरब डॉलर की कमाई करने को लेकर यह एक्शन लिया गया है.
मुकदमे में Apple पर सुपर ऐप्स और एक वन-स्टॉप वेब पोर्टल के निर्माण को खत्म करने का आरोप लगाया गया है. जो iPhone पर मौजूद हो सकते हैं और कस्टमर को म्यूजिक, फोटो या मूवी जैसी सर्विस देने के कई तरीके मुहैया करा सकते हैं. मेटा जैसी कई दूसरी टेक कंपनियां iPhone पर ऐसे सुपर-ऐप खोलने की सोच रहे हैं, जो यूएस स्मार्टफोन मार्केट का लगभग आधा हिस्सा है. एप्पल के वॉलेट पर भी आरोप लगाया गया है कि यह आईफोन पर स्टोर में टैप भुगतान करने की तकनीक तक पहुंचने की अनुमति देने वाली इकलौती एप्लिकेशन है, जो दूसरों को शुल्क का भुगतान करने के लिए मजबूर करता है.
अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने कहा, “उपभोक्ताओं को अधिक कीमत नहीं चुकानी चाहिए क्योंकि कंपनियां एंटी-ट्रस्ट लॉ का उल्लंघन करती हैं. उनके मुताबिक अगर अभी कोई एक्शन नहीं लिया गया तो एप्पल अपने स्मार्टफोन एकाधिकार को मजबूत करना जारी रखेगा.
हालांकि, एप्पल ने एक बयान में मुकदमे के आधार से इनकार किया. कंपनी ने कहा कि यह तथ्यों और कानून के हिसाब से गलत है और हम इसके खिलाफ सख्त रुख अपनाएंगे. कंपनी ने कहा कि अगर मुकदमा सफल रहा तो एक खतरनाक मिसाल कायम करेगा. मुकदमे की सफलता से सरकार को लोगों की तकनीक को डिजाइन करने में कड़ा हाथ उठाने का अधिकार मिल जाएगा.