किस बात को लेकर फिर आमने-सामने आए अंबानी-अदानी?

पहले इन दोनों ने SKS Power और लैंको अमरकंटक के लिए रेजोल्यूशन प्लान जमा किए थे पर बाद में अपनी बोलियां वापस ले ली थीं.

किस बात को लेकर फिर आमने-सामने आए अंबानी-अदानी?

पावर जनरेशन सेक्टर से ये तीसरी कंपनी है जिसको लेकर इन दोनों घरानों ने अपनी दिलचस्पी जाहिर की है.

पावर जनरेशन सेक्टर से ये तीसरी कंपनी है जिसको लेकर इन दोनों घरानों ने अपनी दिलचस्पी जाहिर की है.

मुकेश अंबानी और गौतम अदानी एक बार फिर एक दूसरे के सामने आ गए हैं. इस बार इन दोनों बड़े कॉरपोरेट घरानों के आमने-सामने के पीछे वजह है गुजरात की दिवालिया कंपनी भद्रेश्वर विद्युत. पावर जनरेशन सेक्टर से ये तीसरी कंपनी है जिसको लेकर इन दोनों घरानों ने अपनी दिलचस्पी जाहिर की है. इससे पहले इन दोनों ने SKS Power और लैंको अमरकंटक के लिए रेजोल्यूशन प्लान जमा किए थे पर बाद में अपनी बोलियां वापस ले ली थीं. भद्रेश्वर विद्युत को खरीदने के लिए कुल 14 कंपनियों ने रूचि दिखाई है जिसकी कच्छ, गुजरात में 150MW की पावर जनरेशन इकाइयां हैं. इन कंपनियों में मुकेश अंबानी की कंपनी RIL, अदानी ग्रुप की अदानी पावर के अलावा टॉरेन्ट पावर, वेदांता और जिंदल पावर के नाम भी शामिल हैं. भद्रेश्वर विद्युत के रेजोल्यूशन प्रोफेशनल यानी RP ने कुल 3,463 करोड़ रुपए के क्लेम दाखिल किए हैं. जिसमें से फाइनेंशियल क्रेडिटर्स के 2,936 करोड़ रुपए के क्लेम हैं. अक्टूबर 2022 में SBI की अर्जी के बाद इस कंपनी के खिलाफ दिवालिया प्रकरिया शुरू की गई थी.

टेलीकॉम सेक्टर की तीन बड़ी खबरें

टेलीकॉम सेक्टर को लेकर बुधवार को 3 बड़ी खबरें आई हैं. पहली ये कि टेलीकॉम रेग्युलेटर TRAI ने देश की ब्रॉडकास्टिंग और केबल इंडस्ट्री को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा देने की सिफारिश की है. इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा मिलने से बैंकों से सस्ते लोन मिलेंगे क्योंकि ये इंडस्ट्री प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग सेक्टर का हिस्सा बन जाएगी. ट्राई ने यह सिफारिश सूचना प्रसारण मंत्रालय को सौंपी है. टेलीकॉम सेक्टर में ईज ऑफ डूइंग को बढ़ावा देने के लिए ट्राई ने यह प्रस्ताव दिया है. दूसरी खबर ये है कि KM Birla की ओर से Voda-Idea के बोर्ड पर वापसी के बाद बैंक इस कंपनी को लोन देने पर दोबारा विचार कर रहे हैं. इस तरह बैंकों की ओर से कंपनी को 4 साल से लोन न देने की हिचक खत्म होती नजर आ रही है. माना जा रहा है कि बैंकों का KM Birla की Voda-Idea के बोर्ड पर वापसी में बड़ा योगदान रहा है. तीसरी खबर ये है कि दूरसंचार विभाग यानि DoT के साथ चल रहे रिलायंस जियो के एक विवाद में कंपनी को ट्राई से बड़ी राहत मिली है. दूरसंचार विभाग और रिलायंस जियो के बीच शेयर्ड स्पेक्ट्रम पर लगने वाले स्पेक्ट्रम यूसेज चार्ज(SUC) यानी स्पेक्ट्रम इस्तेमाल के शुल्क को लेकर विवाद था, जिसमें ट्राई ने रिलायंस जियो के पक्ष को माना है.

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Published - May 4, 2023, 08:51 IST