अदानी समूह के बाद अब वेदांता समूह पर भी संकट के बादल छाने लग गए हैं. दरअसल, खोजी पत्रकारों के वैश्विक नेटवर्क ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट यानी ओसीसीआरपी की नई रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि खनन तथा तेल के कारोबार से जुड़ी कंपनी वेदांता ने वैश्विक महामारी के दौरान अहम पर्यावरण नियमों को कमजोर करने के लिए गलत तरीके से लॉबिंग की है.
सरकार ने बगैर परामर्श परिवर्तन को दी मंजूरी: ओसीसीआरपी
गैर-लाभकारी संगठन ने कहा कि भारत सरकार ने सार्वजनिक परामर्श के बिना कुछ परिवर्तनों को मंजूरी दी और उन्हें अवैध तरीकों से लागू किया गया. वेदांता के प्रवक्ता ने इस मामले पर तुरंत कोई टिप्पणी नहीं की है. रिपोर्ट में कहा गया कि एक मामले में वेदांता ने यह सुनिश्चित करने के लिए दबाव डाला कि खनन कंपनियां नई पर्यावरणीय मंजूरी के बिना 50 फीसद तक अधिक उत्पादन कर सकें.
6 विवादास्पद तेल परियोजनाओं को दी गई मंजूरी
रिपोर्ट में दावा किया गया कि वेदांता की तेल व्यवसाय कंपनी केयर्न इंडिया ने भी सरकारी नीलामी में हासिल किए गए तेल ब्लॉकों में ‘ड्रिलिंग’ के लिए सार्वजनिक सुनवाई रद्द करने की पैरवी भी की. तब से स्थानीय विरोध के बावजूद राजस्थान में केयर्न की छह विवादास्पद तेल परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है. इससे पहले ओसीसीआरपी ने अडाणी समूह पर गुपचुप तरीके से अपने ही कंपनियों के शेयरों में निवेश का बृहस्पतिवार को आरोप लगाया था.