अकासा एयर के 43 पायलट्स ने बिना नोटिस पीरियड दिए दूसरी एयरलाइन ज्वॉइन की है, जिसकी वजह से अकासा को नुकसान हुआ है. अब अकासा इन पायलेट्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने जा रही है.
13 महीने पुरानी अकासा एयरलाइन ने अपने 43 पायलट के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का फैसला किया है. इन पायलेट्स ने बिना नोटिस पीरियड सर्व किए ही दूसरी एयरलाइन को ज्वॉइन कर लिया है. अकासा एयर ने पायलट्स की कमी की वजह से हुए राजस्व नुकसान और प्रतिष्ठा प्रभावित होने के एवज में इन पायलट्स से 22 करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति की मांग की है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इतनी बड़ी संख्या में पायलट के नौकरी छोड़ने पर अकासा एयर को अगस्त 2023 से अपनी कई उड़ानों को रद्द करना पड़ा है. अकासा एयर के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी ने उन पायलट्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का निर्णय लिया है, जिन्होंने नोटिव पीरियड पूरा नहीं किया है.
एयरलाइन का कहना है कि पायलट्स का यह कदम न केवल कॉन्ट्रैक्ट का उल्लंघन है बल्कि देश के सिविल एविएशन रेगुलेशन की भी अव्हेलना है.
अकासा एयर ने अपने एक बयान में कहा है कि पायलट्स का यह काम न केवल गैर-कानूनी है, बल्कि एक अनैतिक और स्वार्थी काम भी है. इस वजह से अगस्त में कई उड़ानों को अंतिम समय में रद्द करना पड़ा है, जिससे हजारों यात्रियों को असुविधा हुई.
अकासा एयर के बेड़े में 20 विमान हैं. कंपनी ने अपना परिचालन अगस्त 2022 से शुरू किया था. इसी साल जून में एयरलाइन ने अपने पायलट के वेतन में 40 फीसदी तक की बढ़ोतरी की थी. सीनियर फर्स्ट ऑफिसर का वेतन 3.40 लाख रुपए, जबकि सीनियर कैपटन का वेतन बढाकर 6.25 लाख रुपए प्रति माह किया गया था. पहले इन लोगों की सैलरी क्रमश: 2.75 लाख और 5.75 लाख रुपए थी.
अकासा ने अगस्त में अपने बेड़े में 20वां विमान जोड़ा है. इसके बाद कंपनी अब अंतरराष्ट्रीय परिचालन के लिए पात्र हो गई है. भारतीय नियमों के मुताबिक एक एयरलाइन को अंतरराष्ट्रीय परिचालन शुरू करने के लिए उसके बेड़े में कम से कम 20 विमान होना आवश्कय है. अगस्त, 2023 तक अकासा देश के भीतर 16 देशों के बीच 900 साप्ताहिक उड़ानों का परिचालन कर रही है.