मुंबई के बीचों बीच बसी एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती धारावी की सूरत अब बदलने वाली है. अदानी समूह धारावी के पुनर्विकास कार्य शुरू करने के लिए कम से कम ₹12,000 करोड़ का फंड लगाने पर विचार कर रहा है. इस साल 14 जुलाई को, महाराष्ट्र सरकार ने अदानी समूह को भीड़-भाड़ वाली धारावी झुग्गी-झोपड़ी के पुनर्विकास के लिए मंजूरी दी थी. यहां 590 एकड़ में 900,000 से अधिक नागरिकों और सैकड़ों छोटे वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को आश्रय मिलता है.
सितंबर में एक विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) का गठन किया गया था, जिसका 80 फीसद स्वामित्व अदानी समूह और बाकी का स्वामित्व महाराष्ट्र सरकार के पास था. इसके बाद आंतरिक रूप से और मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) सहित राज्य के अधिकारियों के साथ चर्चा हुई.
अंग्रेजी अखबार मिंट में छपी खबर के मुताबिक अदानी समूह के खातों में लगभग 8 अरब डॉलर की नकदी है. आगे चलकर समूह की कुछ कंपनियों में इक्विटी हिस्सेदारी की बिक्री के माध्यम से अतिरिक्त 2 अरब डॉलर जुटाए जा सकते हैं. इसलिए, इस बिंदु पर, अदानी समूह आंतरिक स्रोतों के माध्यम से पुनर्विकास परियोजना को वित्तपोषित करेगा.
अदानी समूह के प्रवक्ता ने फंडिंग पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अदानी समूह पुनर्विकास शुरू करने के लिए अपनी नकदी का 15-20 फीसद उपयोग कर सकता है. भविष्य में, समूह और राज्य सरकार की सहमति के आधार पर बाहरी फाइनेंसरों पर विचार किया जा सकता है. योजना के अनुसार सात वर्षों में पुनर्विकास को पूरा करने के लिए 4-5 अरब डॉलर की आवश्यकता होगी.
लोगों के अनुसार, यह राशि ₹1,014 करोड़ से अधिक होगी जो पहले ही अदानी समूह द्वारा आंशिक रूप से एसपीवी बनाने के लिए और आंशिक रूप से पुनर्विकास के लिए आवश्यक धन के लिए लाई गई है.