अदानी समूह से हो रहा है FPI से मोहभंंग, तेजी से घटा निवेश

एफपीआई की होल्डिंग का खुलासा केवल वहां होता है जहां कंपनी में होल्डिंग 1 फीसद से ज्यादा होती है.

अदानी समूह से हो रहा है FPI से मोहभंंग, तेजी से घटा निवेश

Adani ( Photo Credit: TV9 Bharatvarsh)

Adani ( Photo Credit: TV9 Bharatvarsh)

मॉरीशस स्थित सहित कई विदेशी फंडों ने सितंबर तिमाही के लिए अदानी समूह की कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी कम कर दी है. प्राइमइन्फोबेस.कॉम के आंकड़ों से पता चलता है कि फ्लैगशिप अदानी एंटरप्राइजेज में एलारा इंडिया अपॉच्र्युनिटीज फंड की हिस्सेदारी जून तिमाही के 1.35 फीसद से घटकर दूसरी तिमाही में 1 फीसद से नीचे आ गई है. इसी अवधि में अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस में फंड की हिस्सेदारी 3.61 फीसद से घटकर 1.97 फीसद हो गई है.

सितंबर तिमाही में अदानी एनर्जी सॉल्यूशंस और अदानी पावर में एपीएमएस इन्वेस्टमेंट फंड की हिस्सेदारी में कमी देखी गई है. अदाणी में क्रेस्टा फंड की हिस्सेदारी पिछली तिमाही के 1.52 फीसद से घटकर दूसरी तिमाही में 1 फीसद से नीचे आ गई है. अदाणी ग्रीन एनर्जी में ग्रीन एनर्जी इन्वेस्टमेंट की हिस्सेदारी 1.26 फीसद से घटकर 1 फीसद से नीचे आ गई है.

एफपीआई की होल्डिंग का खुलासा केवल वहां होता है जहां कंपनी में होल्डिंग 1 फीसद से ज्यादा होती है.

इस साल की शुरुआत में अपनी रिपोर्ट में, हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया था कि एपीएमएस इन्वेस्टमेंट फंड, क्रेस्टा फंड, एलटीएस इन्वेस्टमेंट फंड, एलारा अपॉर्चुनिटीज फंड और ओपल इन्वेस्टमेंट्स जैसी मॉरीशस स्थित संस्थाओं के पास सामूहिक रूप से अदानी समूह की कंपनियों में 8 बिलियन डॉलर के शेयर थे और इन्हें प्रवर्तक समूह से जोड़ा जा सकता है.

हालाँकि, अदानी समूह ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि ये संस्थाएँ सार्वजनिक शेयरधारक थीं और यह धारणा गलत थी कि वे प्रमोटरों की संबंधित पार्टियाँ थीं.

भारतीय इक्विटी और समूह कंपनियों में संकेंद्रित हिस्सेदारी रखने वाले एफपीआई के लिए विस्तृत खुलासे के लिए सेबी का निर्देश 1 नवंबर से लागू हो गया है.

Published - October 31, 2023, 01:49 IST