गोल्डमैन साक्स (Goldman Sachs) की निवेश इकाई ने अपने ESG पोर्टफोलियो से अदानी ग्रुप की कंपनियों में अपना निवेश कम कर लिया है. जनवरी 2023 में अदानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद फरवरी में ही गोल्डमैन सैक्स ने ESG पोर्टफोलियो से अदानी ग्रुप की कंपनियों के 1.17 करोड़ शेयर बेच दिए थे. गोल्डमैन सैक्स के अलावा नॉर्दन ट्रस्ट कॉर्प और स्टोरब्रांड एएसए ने भी ESG पोर्टफोलियो में अदानी ग्रुप की कंपनियों की हिस्सेदारी घटाई है जिसमें एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड शामिल नहीं हैं.
अदानी ग्रुप की पोर्ट कारोबार से जुड़ी कंपनी Adani Ports ने वित्त वर्ष 2022-23 में 120.51 मिलियन मीट्रिक टन की रिकॉर्ड रेल कार्गो हैंडलिंग की है. ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार सक्रिय रूप से ESG फंड मैनेज करने वाली 13 निवेश इकाइयों ने अडानी समूह से जुड़ी कंपनियों के 1 करोड़ 20 लाख शेयर बेचे हैं. इसमें भी अधिकांश बिक्री गोल्डमैन के खाते से की गई थी.आंकड़े बताते हैं कि फरवरी की शुरुआत में अदानी समूह की कंपनियों में प्रत्यक्ष होल्डिंग वाले ईटीएफ समेत ईएसजी फंडों की कुल संख्या 90 से घटकर 59 हो गई.
अभी क्यों बेचे गए शेयर?
गोल्डमैन साक्स के शेयर को बेचने के पीछे वजह ये है कि बुधवार को संयुक्त राष्ट्र यानी United Nations के समर्थन वाली संस्था साइंस बेस्ड टारगेट इनिशिएटिव यानी SBTi ने अदानी ग्रुप की तीन कंपनियों को पर्यावरण संबंधी मानकों पर सही नहीं उतरने के चलते लिस्ट से बाहर कर दिया है. इन तीन कंपनियों में अदानी पोर्ट्स, अदानी ट्रांसमिशन और अदानी ग्रीन के नाम शामिल हैं. SBTi का कहना है कि अदानी ग्रुप की कंपनियों के जरिए ESG निवेशकों का पैसा पेट्रोल, डीजल और कोयले जैसे जीवाश्म ईंधनों पर लग रहा है. ESG पोर्टफ़ोलियो के तहत निवेशक ऐसी कंपनियाों में निवेश करती हैं जो पर्यावरण, सामाजिक और शासकीय पहलुओं को ध्यान में रखकर व्यवसाय करती हैं.