5G Rollout: अदानी-वोडाफोन को राहत! सरकार माफ कर सकती है 5जी का जुर्माना

5G Rollout: सरकार 5जी मिनिमम रॉलआउट पेनल्टी को माफ करने पर विचार कर रही है.

5G Rollout: अदानी-वोडाफोन को राहत! सरकार माफ कर सकती है 5जी का जुर्माना

फोटो साभार: TV9 भारतवर्ष

फोटो साभार: TV9 भारतवर्ष

5G Rollout: दूरसंचार विभाग 5जी को लेकर टेलिकॉम कंपनियों को बड़ी राहत दे सकता है. सरकार 5जी मिनिमम रॉलआउट पेनल्टी को माफ करने पर विचार कर रही है. अगर विभाग ऐसा करता है तो इसका बड़ा फायदा वोडाफोन आइडिया और अदानी डेटा नेटवर्क्स कंपनियों को मिलेगा. दरअसल, देश में 5जी सेवाएं शुरू हो गई हैं. रिलायंस जियो और भारती एयरटेल जैसी टेलीकॉम कंपनियां देश भर में ग्राहकों को 5जी सेवाएं प्रदान कर रही हैं.

जुर्माना हो सकता है माफ

ईटी में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, दूरसंचार विभाग 26 गीगाहर्ट्ज 5जी स्पेक्ट्रम के लिए मिनिमम रॉल आउट की जरूरतें पूरी नहीं करने पर दूरसंचार कंपनियों के ऊपर जुर्माना लगाने वाला था, जिसे अब माफ करने पर विचार किया जा रहा है. दरअसल, वोडाफोन आइडिया और अडानी डेटा नेटवर्क्स 5जी रॉलआउट की मिनिमम जरूरतों को पूरी नहीं कर पाई हैं, जबकि जियो और एयरटेल जैसी कंपनियां 5जी रॉलआउट की मिनिमम जरूरतों को पहले ही पूरी कर चुकी हैं. गौरतलब है कि अगस्त 2022 में 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी हुई थी जिसमें 4 कंपनियां जियो, एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और अडानी डेटा नेटवर्क्स बोली जीतने में सफल हुई थीं.

क्यों नहीं हो पाई मिनिमम 5जी रॉलआउट?

इस मामले में कंपनियों का कहना है कि इकोसिस्टक के अभाव में वे मिनिमम 5जी रॉलआउट नहीं कर पाई हैं. लेकिन दूरसंचार विभाग अब तक इस मामले में निर्णय पर नहीं पहुंचा है. विभाग ने अपनी तकनीकी इकाई टेलीकम्युनिकेशंस इंजीनियरिंग सेंटर से सुझाव मांगा है, इसके बाद विभाग इस पर अंतिम निर्णय लेगा. दरअसल, नीलामी के समय ही यह तय हो गया था कि अगर तय समय के अंतर्गत कोई नेटवर्क रॉलआउट नहीं होता है तो हर सप्ताह के हिसाब से 1-1 लाख रुपये की पेनल्टी लगाई जाएगी. विभाग ने कहा था कि 13 सप्ताह तक नेटवर्क रॉलआउट नहीं होएं पर हर सप्ताह 1 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है, जबकि 13 सप्ताह में भी नेटवर्क रॉलआउट नहीं होने पर अगले 13 सप्ताह के लिए जुर्माने की रकम बढ़कर 2 लाख रुपये प्रति सप्ताह हो जाएगी.

सरकार उठा सकती है यह कदम

नीलामी के समय दी गई शर्तों के अनुसार, अगर कोई कंपनी शुरुआती 26 सप्ताह में भी मिनिमम रॉलआउट नहीं कर पाती हैं तो अगले 26 सप्ताह तक उसके ऊपर 4-4 लाख रुपये प्रति हफ्ते जुर्माना वसूला जाएगा. अगर कोई कंपनी एक साल तक नेटवर्क रॉलआउट नहीं करती है तो उसके ऊपर 1.40 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगेगी. इतना ही नहीं, सरकार इस स्पेक्ट्रम आवंटन को वापस भी ले सकती है.

Published - February 29, 2024, 01:42 IST