भारत का वनस्पति तेल आयात फरवरी में सालाना आधार पर 13 फीसद घटकर लगभग 9.75 लाख टन रह गया है. उद्योग के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने बुधवार को बयान में कहा कि फरवरी के दौरान वनस्पति तेलों (खाद्य तेलों और गैर-खाद्य तेलों सहित) का आयात 9,74,85 टन रहा, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 11,14,481 टन था. कुल आयात में खाद्य तेल का हिस्सा घटकर 9,67,852 टन रह गया. फरवरी, 2023 में यह 10,98,475 टन था.
गैर खाद्य तेल आयात में गिरावट
गैर खाद्य तेलों का आयात भी एक साल पहले की समान अवधि के 16,006 टन से घटकर 7,000 टन रह गया. नवंबर, 2023-फरवरी, 2024 की अवधि के दौरान, वनस्पति तेलों का कुल आयात 21 प्रतिशत घटकर 46,47,963 टन रह गया, जो पिछले तेल वर्ष की इसी अवधि में 58,87,900 टन था. तेल विपणन वर्ष नवंबर से अक्टूबर तक चलता है. तेल वर्ष 2023-24 के पहले चार माह के दौरान खाद्य तेलों का आयात घटकर 46,15,551 टन रह गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 58,44,765 टन था.
भारत जरूरत को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर
तेल वर्ष 2023-24 की नवंबर-फरवरी अवधि के दौरान गैर-खाद्य तेलों का आयात घटकर 32,412 टन रह गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 43,135 टन था. भारत खाद्य तेलों की अपनी 50 प्रतिशत से अधिक घरेलू जरूरत को आयात से पूरा करता है. भारत द्वारा इंडोनेशिया और मलेशिया से पाम तेल का आयात किया जाता है. यह अर्जेंटीना और ब्राजील से सोयाबीन तेल का आयात करता है.
एसईए ने कहा कि फरवरी, 2024 में वनस्पति तेल के आयात में गिरावट जारी रही. खाद्य तेल आवश्यकताओं के लिए पाम तेल की उपलब्धता में कमी आई है क्योंकि मुख्य दो उत्पादक देश मलेशिया और इंडोनेशिया इसे बायोडीजल के उत्पादन के लिए लगा रहे हैं.