चांदी का भाव इस साल 1 लाख रुपए के स्तर को पार कर सकता है. मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल सोने की तुलना में चांदी का प्रदर्शन बेहतर रह सकता है. चांदी का भाव मौजूदा स्तर से 15 से 20 फीसद तक बढ़ सकता है. चीन की अर्थव्यवस्था में सुधार के साथ ही चांदी की मांग में भी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है.
मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज के ग्रुप सीनियर वाइस प्रेसिडेंट नवनीत दमानी के मुताबिक 2024 की तीसरी तिमाही में चीन की अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद है. उनका कहना है कि पिछले तीन से पांच साल में चांदी की इंडस्ट्रियल डिमांड में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. ऐसे में चीन में सुधार होने पर चांदी की कीमतों में उछाल आ सकता है. दमानी ने कहा कि सोने की कीमतों में 3-5 फीसद की बढ़ोतरी के अनुमान की तुलना में मौजूदा स्तर से चांदी का भाव 15-20 फीसद बढ़ सकता है. उनका कहना है कि 80,000 रुपए प्रति किलोग्राम तक की गिरावट के बाद चांदी में खरीदारी की जा सकती है.
बता दें कि 2024 की शुरुआत में सोने-चांदी की कीमतों ने घरेलू बाजार में रिकॉर्ड ऊंचाई को छू लिया था. उनका कहना है कि इस साल चांदी की कीमतों में सोने की तुलना में उतनी बढ़ोतरी नहीं दर्ज की गई है. मौजूदा समय में गोल्ड टू सिल्वर रेशियो 85 से थोड़ा ज्यादा है, जो कि इसकी ऐतिहासिक सीमा 65-75 से काफी ज्यादा है. इसका मतलब है कि 10 ग्राम सोने का मूल्य आमतौर पर एक किलोग्राम चांदी के मूल्य का 65-75 फीसद है.
आम चुनावों को देखते हुए देश में बढ़ी अस्थिरता और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में ढील दिए जाने से सोने-चांदी की कीमतों को सपोर्ट मिलने की उम्मीद है. हालांकि इंडस्ट्रियल डिमांड बढ़ने से चांदी को अतिरिक्त फायदा मिलने की संभावना है. बता दें कि चांदी का उपयोग सौर पैनल, इलेक्ट्रिक वाहन, सेमीकंडक्टर, अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों, कुछ इलेक्ट्रॉनिक और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं में किया जाता है.