भारत ने वित्त वर्ष 2022-23 में तांबे के आयात पर 27,131 करोड़ रुपये खर्च किए, जो एक साल पहले के 21,985 करोड़ रुपये से अधिक है. सोमवार को संसद को यह जानकारी दी गई. देश में तांबे के भंडार की कम उपलब्धता के कारण भारत हमेशा तांबे के अयस्क और सांद्रण का आयातक रहा है. राज्यसभा में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कोयला और खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा, ‘‘पिछले दो वर्षों के दौरान प्रतिवर्ष शुद्ध आयात मूल्य (और इसलिए, शुद्ध विदेशी मुद्रा व्यय) … वित्त वर्ष 2021-22 में 21,985 करोड़ रुपये है और वित्त वर्ष 2022-23 में 27,131 करोड़ रुपये है।”
मंत्री ने बताया, ‘‘वित्त वर्ष 2022-23 में 5.55 लाख टन के परिष्कृत तांबे के उत्पादन के साथ भारत दुनिया में 10वां सबसे बड़ा उत्पादक है. पिछले दो वर्षों में आयात में उछाल, तांबे की रिफाइनिंग में बढ़ती मांग के कारण है, जो महामारी के बाद बढ़ती मांग को दर्शाता है, विशेष रूप से बुनियादी ढांचे, निर्माण, दूरसंचार, विद्युत, नवीकरणीय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे उपयोगकर्ता क्षेत्रों में वृद्धि को दर्शाता है.
तांबा केंद्र द्वारा पहचाने गए 30 महत्वपूर्ण खनिजों में से एक है. तांबे के सांद्रण का उपयोग परिष्कृत तांबे के उत्पादन में कच्चे माल के रूप में किया जाता है, जिसमें देश की मजबूत क्षमता है.