सोमवार को विदेशी बाजार में कॉपर की कीमतों में सीमित दायरे में कारोबार होते हुए देखा गया था. अमेरिकी डॉलर में कमजोरी के विपरीत मांग में अनिश्चितता और ज्यादा सप्लाई की वजह से भाव दायरे में दर्ज किया गया. बीते हफ्ते शुक्रवार को साप्ताहिक बढ़त दर्ज करने के बाद लंदन मेटल एक्सचेंज पर कॉपर का भाव हल्की बढ़त के साथ 8,171 डॉलर प्रति मीट्रिक टन के स्तर पर पहुंच गया. शंघाई फ्यूचर्स एक्सचेंज पर कॉपर दिसंबर वायदा में 0.4 फीसद की नरमी के साथ 67,380 युआन यानी 9,245.08 डॉलर प्रति टन दर्ज किया गया.
बता दें कि कॉपर का उपयोग बिजली, परिवहन और निर्माण क्षेत्रों में होता है. मौजूदा सर्दी की शुरुआत में कॉपर को धीमी मौसमी खपत का सामना करना पड़ रहा है. दूसरी ओर चीन में कमजोर आर्थिक सुधार की वजह से भी इसकी मांग को लेकर अनिश्चितता बढ़ा दी है. वहीं कीमतों में हाल की गिरावट के बावजूद LME के गोदामों में कॉपर के स्टॉक में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. पिछले शुक्रवार को एसएचएफई के गोदामों में कॉपर के स्टॉक में 11.3 फीसद की बढ़ोतरी देखने को मिली थी. हालांकि एसएचएफई के गोदामों में स्टॉक अभी भी एक साल के निचले स्तर के आस-पास है.
सोमवार को डॉलर इंडेक्स 6 हफ्ते के निचले स्तर के आसपास कारोबार करते हुए देखा गया. पिछले शुक्रवार को अमेरिका में जारी नौकरियों के आंकड़ों ने निवेशकों की धारण को मजबूत किया कि फेडरल रिजर्व अपनी दिसंबर की बैठक में ब्याज दरों को स्थिर रख सकता है.