भारत ब्रांड के तहत आटा और चावल को शुरू करने के बाद केंद्र सरकार अब मसूर दाल लॉन्च करने की योजना बना रही है. हालांकि यह दाल बगैर किसी छूट के करीब 89 रुपये प्रति किलोग्राम पर उपभोक्ताओं को मिलेगी. आमतौर पर भारत ब्रांड के तहत मिलने वाले उत्पादों पर भारी छूट मिलती है. गौरतलब है कि महंगाई नियंत्रण में होने और सरकारी स्टॉक में भारी मात्रा में मसूर पड़े होने के बावजूद मसूर दाल की कीमतों में इजाफा दर्ज किया गया है. बुधवार को मसूर दाल का अखिल भारतीय औसत खुदरा भाव 93.5 रुपये प्रति किलोग्राम था.
पहले चरण में नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (नाफेड), नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनसीसीएफ) 25,000 टन दाल की प्रोसेसिंग और पैकिंग करेंगे और इसे देशभर में केंद्रीय भंडार के माध्यम से वितरित किया जाएगा. मसूर दाल की बिक्री मार्च के पहले हफ्ते से शुरू होने की उम्मीद है. हालांकि मसूर दाल का दाम ज्यादा नहीं है, लेकिन हमने बास्केट को बड़ा बनाने के लिए इसकी बिक्री भारत ब्रांड के तहत करने का फैसला किया है और यही वजह है कि मसूर दाल की रियायती दर पर बिक्री नहीं की जाएगी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकारी अधिकारियों का कहना है कि सरकार के पास करीब 7,20,000 टन मसूर दाल का स्टॉक है, जो कि अधिकतर पीएसएफ (प्राइस स्टेबलाइजेशन फंड) में है. पिछले कैलेंडर वर्ष में भारत ने करीब 3.1 मिलियन टन दालों का आयात किया था. भारत मसूर दाल 1 किलोग्राम के पैकेट में उपलब्ध होगी. बता दें कि महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकार नाफेड, एनसीसीएफ और केंद्रीय भंडार के जरिए भारत चावल 29 रुपये प्रति किलोग्राम, भारत आटा 27.50 रुपये प्रति किलोग्राम और भारत दाल (चना) 60 रुपये प्रति किलोग्राम पर बेच रही है. केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने पहले कहा था कि मोबाइल वैन और ई-कॉमर्स साइट्स समेत रिटेल प्वाइंट्स की संख्या को मौजूदा 8,000-9,000 से बढ़ाकर करीब 18,000 कर दिया गया है.