अंतर्राष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेल की कीमतों में आई गिरावट को देखते हुए सरकार ने घरेलू खाद्य तेल इंडस्ट्री को कहा है कि तेल के रिटेल भाव में कटौती करें. सरकार का मानना है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोया तेल, पाम और सूरजमुखी तेल की कीमतों में जितनी गिरावट आई है. घरेलू बाजार में रिटेलर्स ने उस अनुपात में उतने दाम में कटौती नहीं की है. सरकार ने इस सिलसिले में उद्योग को पत्र लिखकर दाम घटाने के लिए कहा है.
कीमतों में तत्काल कटौती संभव नहीं: SEA
उद्योग संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के मुताबिक सरकार ने खाद्य तेल कंपनियों से कहा है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमतों में आई गिरावट के हिसाब से उन्हें अपने प्रोडक्ट्स की कीमतों को कम करना चाहिए. हालांकि कंपनियों ने सरकार के सवाल के जवाब में कहा है कि ब्रांडेड खाने के तेल की कीमतों में तत्काल कटौती करना उनके लिए संभव नहीं है.
SEA के प्रेसिडेंट अजय झुनझुनवाला के मुताबिक उपभोक्ता मंत्रालय ने एसोसिएशन को पत्र लिखा है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट के हिसाब से घरेलू खाद्य तेल इंडस्ट्री ने सोयाबीन, सूरजमुखी और पाम तेल जैसे तेल की MRP में कमी नहीं की है. गौरतलब है कि कच्चे एवं रिफाइंड पाम तेल की खेप घटने से दिसंबर महीने में भारत का खाद्य तेल आयात सालाना आधार पर 16 फीसद घटकर 13.07 लाख टन रह गया.
SEA के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, खाद्य तेलों का आयात पिछले साल दिसंबर में घटकर 13,07,686 टन रह गया, जो एक साल पहले समान अवधि में 15,55,780 टन था. खाद्य तेलों के खंड में कच्चे पाम तेल का आयात 8,43,849 टन से घटकर 6,20,020 टन हो गया, जबकि रिफाइंड पामोलीन की आवक 2,56,398 टन से मामूली गिरावट के साथ 2,51,667 टन रही. हालांकि समीक्षाधीन अवधि में कच्चे सूरजमुखी तेल का आयात 1,94,009 टन से बढ़कर 2,60,850 टन हो गया.