समुद्री मार्ग से ढुलाई की कीमतें घटने और गर्मियों में बिजली की मांग बढ़ने की संभावना के चलते बीते वित्त वर्ष (2023-24) में भारत का कोयला आयात 7.7 प्रतिशत बढ़कर 26.82 करोड़ टन पर पहुंच गया है. बी2बी ई-कॉमर्स कंपनी एमजंक्शन सर्विसेज के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. इससे पिछले वित्त वर्ष में भारत ने 24.90 करोड़ टन कोयला का आयात था. मार्च, 2024 में भी भारत का कोयला आयात बढ़ा है. यह पिछले साल के समान महीने के 2.11 करोड़ टन से बढ़कर 2.39 करोड़ टन पर पहुंच गया है.
मार्च में आयातित कुल कोयले में गैर-कोकिंग कोयले का आयात 1.53 करोड़ टन रहा, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष के समान महीने में यह 1.38 करोड़ टन था. मार्च में कोकिंग कोयले का आयात 53.4 लाख टन रहा, जो इससे पिछले साल के समान महीने में 39.6 लाख टन था. बीते वित्त वर्ष में गैर-कोकिंग कोयले का आयात 17.59 करोड़ टन रहा, जो 2022-23 में 16.24 करोड़ टन था. कोकिंग कोयले का आयात 2023-24 में 5.72 करोड़ टन रहा, जबकि 2022-23 में 5.44 करोड़ टन रहा था.
एमजंक्शन के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विनय वर्मा ने कहा कि समुद्री मार्ग से ढुलाई की कीमतों में नरमी और गर्मियों के सीजन में बिजली की मांग बढ़ने की संभावना से देश का कोयला आयात बढ़ा है. हालांकि, घरेलू बाजार में कोयले की पर्याप्त उपलब्धता है, इसलिए यह देखने वाली बात होगी कि आगामी महीनों में कोयले का आयात मजबूत रहता है या नहीं.
बता दें कि फरवरी 2024 में भारत का कोयला आयात 13 प्रतिशत बढ़कर 2.16 करोड़ टन हो गया था. ऑनलाइन मार्केटप्लेस ‘एमजंक्शन’ के अनुसार इससे पहले 2023 के समान महीने में कोयला आयात 1.91 करोड़ टन दर्ज किया गया था. एमजंक्शन के आंकड़ों के अनुसार फरवरी 2024 में कोयला आयात, फरवरी 2023 के 1.91 करोड़ टन के मुकाबले 13 प्रतिशत अधिक है. फरवरी में कुल आयात में गैर-कोकिंग कोयला का आयात बढ़कर 1.37 करोड़ टन हो गया, जो फरवरी, 2023 में 1.16 करोड़ टन था.