इरान के राष्ट्रपति के हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर के साथ ही सोमवार को एशियाई बाजारों में कारोबार के दौरान तेल की कीमतें बढ़ गईं. अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती की संभावना और प्रमुख आयातक चीन में मांग में सुधार से कच्चे तेल की मांग बढ़ने से पिछले हफ्ते भी तेल की कीमतों में तेजी देखी गई थी. लेकिन अब ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलिकॉप्टर क्रैश होने की खबर के बाद आगे भी तेल की कीमतों में तेजी की संभावना है.
जुलाई में समाप्त होने वाला ब्रेंट ऑयल वायदा 0.3 फीसद बढ़कर 84.19 डॉलर प्रति बैरल हो गया, जबकि वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड वायदा 22:08 ईटी (02:08 जीएमटी) तक 0.2 फीसद बढ़कर 79.70 डॉलर प्रति बैरल हो गया. हालांकि यह मामूली बढ़ोतरी है लेकिन वैश्विक स्तर पर जिस तरह का माहौल बन रहा है उसे देख कर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आगे तेल की कीमतों में बड़ी बढ़ोतरी हो सकती है.
सोमवार को एशियाई व्यापार में तेल की कीमतें इसलिए भी बढ़ गईं क्योंकि तेल व्यापारियों ने हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद ईरान के राष्ट्रपति के बचाव प्रयासों पर जोर देना शुरू किया. इस बीच लगातार ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के मौत की ख़बरें भी आ रही हैं क्योंकि हेलिकॉप्टर क्रैश होने के बाद उनका बचना नामुमकिन बताया जा रहा है. हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद ईरान की स्थिरता को लेकर सवाल उठने लगे हैं. ऐसे में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने की संभावना भी तेज हो गई है.
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी और उनके विदेश मंत्री को ले जा रहा एक हेलीकॉप्टर रविवार को खराब मौसम के कारण पहाड़ी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हालांकि बचाव प्रयास शुरू किए गए, लेकिन रॉयटर्स ने कुछ ईरानी अधिकारियों की रिपोर्ट में यह जानकारी दी थी कि रायसी खतरे में थे. इतना ही नहीं, ईरान के सरकारी टीवी की ओर से जो जानकारी दी गई है उसके अनुसार, राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी और अन्य लोगों को ले जा रहे हेलीकॉप्टर के दुर्घटनास्थल पर किसी के जिंदा बचने के संकेत नहीं मिल रहे हैं.
हालांकि इस क्षेत्र में अस्थिरता के बावजूद, तेल की कीमतों में मामूली वृद्धि हुई. आईएनजी में कमोडिटी रणनीति के प्रमुख वॉरेन पैटरसन ने कहा कि तेल बाजार काफी हद तक सीमित दायरे में बना हुआ है और हमें ओपेक+ की आने वाली नीतियों का इंतजार करना होगा. दरअसल, 1 जून को पेट्रोलियम निर्यातक देशों और सहयोगियों के संगठन, ओपेक+ की बैठक होने वाली है.
अमेरिकी सरकार ने तेल की कीमतों में हालिया गिरावट का फायदा उठाते हुए पिछले हफ्ते के अंत में उसने 2022 में भंडार से भारी बिक्री के बाद अपने रणनीतिक पेट्रोलियम रिजर्व को फिर से भरने के लिए 79.38 डॉलर प्रति बैरल पर 3.3 मिलियन बैरल तेल खरीदा. पिछले हफ्ते, अमेरिका में महंगाई कम होने के संकेतों ने ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों को बढ़ावा दिया है, जिससे डॉलर की कीमत गिर सकती है और तेल सस्ता हो सकता है.
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