रूस के सस्ते तेल का कंपनियों को हुआ फायदा

अप्रैल से सितंबर के दौरान ऑयल रिफाइनिंग कंपनियों ने करीब 63 अरब डॉलर का तेल इंपोर्ट किया

रूस के सस्ते तेल का कंपनियों को हुआ फायदा

रूस से मिले सस्ते कच्चे तेल की वजह से इस साल भारतीय तेल रिफाइनिंग कंपनियों को 3 अरब डॉलर से ज्यादा का फायदा हुआ है. अप्रैल से सितंबर के दौरान ऑयल रिफाइनिंग कंपनियों ने करीब 63 अरब डॉलर का तेल इंपोर्ट किया है, जिसमें 38 फीसद से ज्यादा तेल रूस से ही आया है. हालांकि तेल कंपनियों को हुए इस मुनाफे के बावजूद ग्राहकों को सस्ते तेल का कोई लाभ नहीं मिला है.

साढ़े 3 महीने के निचले स्तर पर पहुंचा कच्चा तेल

उधर, विदेशी बाजार में कच्चे तेल का भाव करीब साढ़े 3 महीने के निचले स्तर तक आ गया है. बुधवार को ब्रेंट क्रूड का भाव घटकर 80.88 डॉलर प्रति बैरल तक आ गया, जो कि जुलाई के बाद सबसे निचला स्तर है. गौरतलब है कि भारत कच्चे तेल का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है और अपनी 85 फीसद से ज्यादा कच्चे तेल की जरूरत को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है. आंकड़ों के मुताबिक मूल्य के हिसाब से भारत के व्यापारिक आयात की सूची में कच्चा तेल भी सबसे ऊपर है.

फरवरी 2022 में रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया था जिसके बाद पश्चिमी देशों ने रूस से कच्चा तेल आयात में कटौती कर दी थी. उसके बाद रूस ने अपने कच्चे तेल पर भारी छूट की पेशकश शुरू कर दी थी. रूस के द्वारा दी जा रही छूट का फायदा भारतीय तेल रिफाइनिंग कंपनियों ने उठाया और यही वजह रही कि भारत को कच्चा तेल निर्यात करने में रूस शीर्ष स्थान पर पहुंच गया है.

Published - November 8, 2023, 05:30 IST