EPF Tax: सरकार को इकोनॉमी को बिग पुश देने के लिए पैसे भी चाहिए लेकिन टैक्स पेयर्स पर बोझ भी नहीं डालना. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2021 में EPF में 2.5 लाख रुपये से ज्यादा के निवेश पर होने वाली ब्याज से कमाई पर टैक्स का ऐलान किया है. इसके साथ ही ULIP में भी 2.5 लाख रुपये से ज्यादा का प्रीमियम होने पर मैच्योरिटी पर टैक्स देना होगा. इन दोनों फैसलों का किसपर और कितना असर होगा, Money9 की पर्सनल फाइनेंस एडिटर प्रियंका संभव ने चर्चा की लेट्स टॉक मनी किताब की लेखिका और सीनियर जर्नलिस्ट मोनिका हालन से.
EPF Tax: 2.5 लाख से ज्यादा निवेश के ब्याज पर टैक्स, किसे और कितना देना होगा?
मोनिका- सरकार अमीरों पर सीधे टैक्स नहीं लगाना चाहती थी इसलिए ये जरिया अपनाया जिससे कॉन्ट्रीब्यूशन लिमिट से ज्यादा होने पर इंट्रेस्ट की कमाई पर टैक्स लगे जो टैक्स स्लैब के मुताबिक होगा. बैंक डिपॉजिट के इंट्रेस्ट भी अन्य आय (Other Income) में जोड़े जाते हैं. अब वेलऑफ सेक्शन के लिए EPF अब E-E-E कैटेगरी ना रहकर एग्जेंप्ट-टैक्स-एग्जेंप्ट रह जाएगा. यानि निवेश पर सेक्शन 80C के तहत छूट बरकरार रहेगी लेकिन अगर आपका कॉन्ट्रिब्यूशन 2.5 लाख रुपये से ज्यादा है तो ब्याज की कमाई पर टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगेगा.
टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं हुआ, टैक्सपेयर के नजरिए से किस तरह से देखती हैं?
मोनिका- सरकार के पास राहत देने के लिए कोई जरिया नहीं था इसलिए उम्मीद भी नहीं थी. आम आदनी समझता है कि सरकार के पास ये साल बहुत बुरा रहा है और सरकार के पास पैसे नहीं है. सौ साल में एक साल ऐसा होता है जो इस तरह से निकला हो। ये उम्मीद थी कि टैक्स का दर्द बढ़ेगा। सभी को इस बात से राहत मिली है को कोई टैक्स बढ़ाया नहीं गया.
सीनियर सिटिजन के लिए कितनी बड़ी खुशखबरी?
मोनिका- सीनियर सिटिजन के लिए टैक्स दर नहीं घटाई गई लेकिन पेंशनर्स और इंट्रेस्ट इनकम पर निर्भर वाले वर्ग के लिए प्रिकिया आसान करते हुए टैक्स फाइल करने से छूट दी गई है.
ULIP में भी 2.5 लाख रुपये से ज्यादा का प्रीमियम होने पर मैच्योरिटी पर टैक्स का फैसला कैसा है?
मोनिका- हम 15 साल से ये लड़ाई लड़ रहे थे कि इंश्योरेंस कहकर बेचे जा रहे प्रोडक्ट दरअसल म्यूचुअल फंड हैं. यूलिप प्रोडक्ट में सिर्फ 10 फीसदी निवेश प्रीमियम के तरफ जाता है जबकि 90 फीसदी निवेश होता है. यानि है ये म्यूचुअल फंड्स जैसा लेकिन बेनिफिट सारे इंश्योरेंस जैसे मिलते हैं जो गलत है. ये बड़ी जीत है. जो टैक्स म्यूचुअल फंड्स का निवेशक दे रहा है वही यूलिप का भी देगा।
अब इंशयोरेंस कंपनियां पारदर्शी तरीके से काम करने के लिए प्रेरित होंगी?
मोनिका- इंश्योरेंस को लेकर कई बड़े ऐलान किए गए हैं जिसमें से एक LIC के डिसइन्वेस्टमेंट का बड़ा कदम भी है. मैं मानती हूं, “Household Savings in India go to die in life insurance. ” रिटर्न भी ज्यादा नहीं आता और पॉलिसी जारी नहीं रखी तो कंपनी सारे पैसे रख लेती है. हाउसहोल्ड्स को भी इससे कुछ नहीं मिलता ना ही सरकार को. शायद आगले कुछ बजट में ये रिफॉर्म भी आए.
कैसा रहा बजट 2021?
मोनिका- माइक्रो के लिए बजट में कुछ खास नहीं हैं। पर पॉलिसी स्टेटमेंट के हिसाब से बहुत बोल्ड बजट है। बहुत ही सेंसबिल तरह से बैलेंस शीट को स्वीकारा है। सरकार ने कहा कि लगातार रिफॉर्म करते रहेंगे। ये कोई डरी हुई सरकार के ऐलान नहीं हैं। ये उस सरकार के ऐलान लग रहे हैं जो कह रही है कि देखो हमने कोविड में बहुत अच्छा किया।