एक फरवरी को पेश होने वाले आगामी अंतरिम बजट में पुरानी आयकर व्यवस्था में बदलाव हो सकता है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पुराने टैक्स नियम के तहत निचले स्तर पर कुछ अतिरिक्त छूट की पेशकश कर सकती हैं. नए उपायों के तहत 7 लाख रुपए तक की आयकर छूट मिल सकती है. जिसमें महिला किसानों के लिए अतिरिक्त उपाय शामिल होंगे. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी का कहना है कि प्रत्यक्ष कर प्रणाली में सुधार की घोषणाओं के साथ नए उपायों से सरकार के राजकोषीय घाटे के आंकड़ों पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
वित्त मंत्री सीतारमण पहले ही कह चुकी हैं कि फरवरी के अंतरिम बजट में कोई भी शानदार घोषणाएं नहीं की जाएगी. पूर्ण बजट लोकसभा चुनाव के बाद जुलाई में पेश किया जाएगा. बता दें वित्त मंत्री ने पिछले तीन-चार साल में करदाताओं के लिए आयकर से जुड़े कई नियम पेश किए हैं. 2020-21 में, वित्त मंत्रालय ने एक वैकल्पिक आयकर व्यवस्था पेश की, जहां कर दरें काफी कम हो गईं और छूट के अवसर भी कम हो गए. बजट 2024 में सीतारमण ने बड़े बदलाव किए और नई कर व्यवस्था को नए डिफ़ॉल्ट विकल्प के रूप में पेश किया. उन्होंने नई कर व्यवस्था का समर्थन करने के लिए प्रोत्साहनों को जोड़ा, जिसमें 7 लाख रुपए तक की कुल कर छूट शामिल है, जो पुरानी कर प्रणाली के तहत 5 लाख रुपए थी.
पुरानी कर व्यवस्था के तहत वर्तमान कर स्लैब वित्त अधिनियम, 2013 के माध्यम से पेश किए गए थे, जिसमें मूल छूट सीमा 2 लाख रुपए थी. इसके बाद, 2015 में मूल छूट सीमा को बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए कर दिया गया था, जो अब तक जारी है. इसके बाद 2.5 से 5 लाख के बीच आय वर्ग के लिए कर की दर को 2018 में मौजूदा 10% से घटाकर 5% कर दिया गया था. वहीं 5 लाख रुपए तक की आय अर्जित करने वाले व्यक्तियों पर कोई आयकर देनदारी नहीं थी. हालांकि, जैसे ही किसी व्यक्ति की कर योग्य आय 5 लाख की सीमा पार कर जाती है, उसकी कर देनदारी बढ़ जाती है. सूत्रों के मुताबिक सरकार दोनों व्यवस्थाओं के तहत टैक्स स्लैब को संशोधित करने के बारे में सोच सकती है.