Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) गुरुवार यानी 1 फरवरी को अंतरिम बजट (Interim Budget) पेश करने वाली हैं. ये मोदी सरकार के 10 साल के कार्यकाल का 11वां बजट और दूसरा अंतरिम बजट है. अब तक 9 पूर्ण बजट (Budget) और 1 अंतरिम बजट पेश किया जा चुका है. साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के सत्ता में आने के बाद से बजट में इनकम टैक्स (Income Tax) को लेकर क्या बदलाव हुए हैं? आइए उनके बारे में जानते हैं…
साल 2014 में इनकम टैक्स को लेकर बदलाव
2014 के लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत के बाद तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपना और मोदी सरकार का पहला आम बजट पेश किया. इसमें पर्सनल इनकम टैक्स एग्जम्प्शन की लिमिट को 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख किया गया. सीनियर सिटीजंस के लिए लिमिट ढाई लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपए की गई. सेक्शन 80C के तहत मिलने वाले डिडक्शन को 1 लाख से बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपए और होम लोन के ब्याज पर डिडक्शन को डेढ़ लाख से बढ़ाकर 2 लाख रुपए किया गया.
2015 में आयकर नियमों में हुआ बदलाव
– हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर डिडक्शन लिमिट को 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रुपए किया गया.
– सीनियर सिटीजन के लिए हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर डिडक्शन को 20 हजार से बढ़ाकर 30 हजार किया गया.
– सेक्शन 80CCD के तहत नेशनल पेंशन स्कीम में कंट्रीब्यूशन पर 50 हजार रुपए का अतिरिक्त डिडक्शन दिया गया.
– 1 करोड़ रुपए या उससे ऊपर की कमाई के लिए सरचार्ज को 10 से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया गया.
– वेल्थ टैक्स (Wealth Tax) को समाप्त किया गया
साल 2016
– सेक्शन 87A के तहत उन लोगों के लिए कर छूट 2,000 से बढ़ाकर 5,000 कर दी गई, जिनकी सालाना इनकम 5 लाख रुपए से ज्यादा नहीं है.
– सेक्शन 80GG के तहत किराए पर डिडक्शन की लिमिट को 24,000 रुपए से बढ़ाकर 60,000 रुपए सालाना किया गया.
– 1 करोड़ रुपए से ऊपर की इनकम के लिए सरचार्ज को 12 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी किया गया.
– बजट में सालाना 10 लाख रुपए से ऊपर के डिविडेंड पर 10 पर्सेंट टैक्स लगा.
साल 2017
– ढाई से 5 लाख रुपए के इनकम ब्रैकेट में टैक्स की दर 10 से घटाकर 5 फीसदी की गई.
– सेक्शन 87A के तहत कर छूट को 5,000 से घटाकर 2,500 कर दिया गया, ये उन टैक्सपेयर्स पर लागू हुआ जिनकी वार्षिक आय ₹3.5 लाख तक है.
– 50 लाख से 1 करोड़ रुपए के बीच एनुअल टैक्सेबल इनकम वालों पर 10% का सरचार्ज लगाया गया
साल 2018
– ट्रांसपोर्ट अलाउंस और अलग-अलग मे़डिकल खर्चों के रीइंबर्समेंट के बदले 40 हजार रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन दिया गया.
– सीनियर सिटीजन के लिए बैंकों और पोस्ट ऑफिस में डिपॉजिट पर इंटरेस्ट इनकम पर डिडक्शन को 10,000 से बढ़ाकर ₹50,000 कर दिया गया
– बिना इंडेक्सेशन बेनेफिट के एक लाख रुपए से ऊपर के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 10 फीसदी की दर से टैक्स लगाने का फैसला.
साल 2019
साल 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले अंतरिम बजट पेश किया गया. इसमें मिडिल क्लास को खासी राहत दी गई.
– 5 लाख रुपए सालाना से कम कमाई होने पर टैक्स को जीरो किया गया.
– सैलरीड लोगों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को 40 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपए किया गया.
साल 2020
साल 2020 में न्यू टैक्स रिजिम (New Tax Regime) लाई गई. इसमें टैक्स की दरें कम रखी गईं, लेकिन एग्जम्प्शन और डिडक्शन का फायदा नहीं दिया गया, जो ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) का हिस्सा हैं.
नई टैक्स रिजीम में कर की दरें
2.5 लाख रुपए तक की कमाई पर टैक्स- शून्य
2.5 लाख से ऊपर और 5 लाख तक पर टैक्स – 5%
5 लाख से ऊपर और 7.5 लाख तक पर टैक्स – 10%
7.5 लाख से ऊपर और 10 लाख तक पर टैक्स – 15%
10 लाख से ऊपर और 12.5 लाख तक पर टैक्स- 20%
12.5 लाख से ऊपर और 15 लाख तक पर टैक्स – 25%
15 लाख रुपए से ऊपर की कमाई पर टैक्स – 30%
– म्यूचुअल फंड्स और घरेलू कंपनियों से मिला डिविडेंट पर टैक्स
साल 2023
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023 (Budget 2023) में न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) में कई बदलाव किए गए. न्यू रिजीम में बेसिक एक्जेम्पशन (Basic Exemption Limit) को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया. न्यू टैक्स रिजीम में पहली बार सैलरीड क्लास के लिए 50 हजार के स्टैंडर्ड डिडक्शन को जगह मिली. स्लैब की संख्या को 6 से घटाकर 5 किया गया…