8मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतरिम बजट (Budget 2024) गुरुवार को पेश हो गया. चुनाव नजदीक होने के चलते बजट से लोगों की उम्मीदें लाजिमी हैं. हालांकि, सरकार ने कोई बड़ा ऐलान नहीं किया है. बहादुरगढ़ के रहने वाले राधेश्याम जैसे मरीज बजट से थोड़े निराश हैं. उनके जैसे ज्यादातर लोग बजट में खुशियों की ज्यादा गारंटी नहीं मिली. आइए जानते हैं राधेश्याम जैसे मरीजों को बजट में कितनी खुशियों की गारंटी मिली और कौन-सी गारंटियों से वो महरूम रह गए.
अंतरिम बजट से राधेश्याम ने क्या मांगा था?
राधेश्याम खुशियों की पहली गारंटी जो बजट से चाहते थे वो थी दिल्ली को आयुष्मान भारत योजना में शामिल किया जाए. दूसरी गारंटी आयुष्मान योजना के इंश्योरेंस कवर को 5 लाख रुपए से बढ़ाकर 10 या 15 लाख रुपए प्रति परिवार करना ताकि ऑर्गन ट्रांसप्लाट और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के ट्रीटमेंट में आने वाले खर्च को कवर किया जा सके. इसमें कम से कम 10 से 15 लाख रुपए का खर्च आता है. उन्हें तीसरी गारंटी आयुष्मान योजना का दायरा बढ़ाना और चौथी गारंटी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर, दवा की व्यवस्था दुरुस्त करनी थी.
राधेश्याम को बजट से क्या मिला?
राधेश्यान की तीसरी गारंटी को सरकार ने मान लिया है. अंतरिम बजट में आयुष्मान भारत स्कीम का दायरा बढ़ाया गया है और इसमें आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और हेल्परों को शामिल किया गया है. अब इस योजना के तहत इन्हें आशा और आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स तथा उनके परिवार को 5 लाख रुपए तक इलाज मुफ्त मिलेगा. साथ ही आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का बजट आवंटन 7,200 करोड़ से बढ़ाकर 7,500 करोड़ रुपए किया गया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कहा कि सरकार मौजूदा हास्पिटल इंफ्रास्ट्रक्टर के तहत ज्यादा मेडिकल कॉलेज स्थापित करेगी ताकि ज्यादा से ज्यादा छात्र MBBS की तैयारी कर सके. MBBS पूरा करने के बाद ये स्वास्थ्य सेवाओं में योगदान देंगे. इससे आने वाले सालों में राधेश्याम की अच्छे डॉक्टरों की चाहत पूरी हो सकती है. अब राधेश्याम की सारी उम्मीदें संभवत: जुलाई में आने वाले बजट पर टिकी हैं.