अपना घर खरीदना हर किसी का पहला फाइनेंशियल गोल होता है और होम लोन (home loan) के बिना इस सपने को सच करना जरा मुश्किल दिखता है. सोचिए अगर बैंक आपके लोन (home loan) की एप्लीकेशन को रिजेक्ट कर दे तो क्या होगा ? इस रकम को जुटाने के अलग-अलग तरीकों को जानें. मनी9 हेल्पलाइन पर इसी से संबंधित सवाल पूछे गए. मुझे फ्लैट खरीदने के लिए 40 लाख रुपयों के होम लोन की जरूरत है. इनकम टैक्स रिटर्न ठीक से ना भरने की वजह से कुछ बैंकों ने मेरी लोन एप्लीकेशन को रिजेक्ट कर दिया है, हालांकि मेरा सिबिल (CIBIL) स्कोर ठीक है. मैं अपना खुद का बिजनेस चलाता हूं.
हमने इस सवाल के जवाब के लिए एंड्रोमेडा(Andromeda) के सीईओ वी स्वामीनाथन, और अपनापैसा(Apnapaisa) से बात की
आमतौर पर होम लोन को अप्रूव करवाने के लिए 750 से ऊपर का CIBIL स्कोर जरूरी होता है. हालांकि CIBIL स्कोर के अलावा कई दूसरे चीजें हैं जो बैंक कर्ज देने से पहले ध्यान में रखता है. इसमें आपको महीने की ठीक ठाक सैलरी और पिछले तीन साल के रिटर्न के कागजों की जरूरत पड़ेगी. इनकम के सही कागज ना होने पर बैंक लोन के आवेदन को रिजेक्ट कर सकता है. ऐसे में बैंक से बात करने की कोशिश करें और उनके सुझाव के आधार पर अपने होम लोन की जरूरत को कम कर लें. कभी-कभी ये तरीका काम कर जाता है. एक दूसरा तरीका है जहां आप अपने साथ एक को-एप्लीकेंट(co-applicant) को साथ ले लें, जैसे कि आपके पति या पत्नी, भाई या पेरेंट्स (अगर वो भी कमा रहे हैं). ऐसे मामलों में आप परिवार के दूसरे सदस्यों के साथ को-अप्लाई (co-apply) कर सकते हैं और इस मामले में लोन के अप्रूवल के लिए बैंक सभी को-एप्लीकेंट्स (co-applicants) की कुल इनकम देखेगा.
अगर ऊपर दिए गए कोई भी विकल्प आपके पास नहीं हैं तो आप एसेट्स (assets) और सिक्योरिटीज (securities) पर भी लोन लेने के बारे में सोच सकते हैं. अगर आपके पेरेंट्स अपने घर में रह रहे हैं तो आप उनकी संपत्ति पर कर्ज ले सकते हैं. प्रॉपर्टी पर लोन, होम लोन के मुकाबले थोड़े ज्यादा दर पर मिलता हैं और आप उन्हें लंबे समय के लिए ले सकते हैं.
आप शेयर (shares), म्यूचुअल फंड (mutual funds) और डाकघर (post-office) स्कीम जैसी सिक्योरिटी पर भी कर्ज ले सकते हैं. आमतौर पर कर्ज देने वाले लैंडर के पास कंपनियों और म्यूचुअल फंड स्कीम्स की अपनी एक लिस्ट होती है, जिन पर वो लोन ऑफर करते हैं. इसके अलावा ऐसे लोन की समय सीमा बहुत ही कम होती है, जैसे एक से तीन साल या ज्यादा से ज्यादा पांच साल. इसलिए ज्यादातर मामलों में इन सिक्योरिटी पर लोन लेने के बजाय इन्हें बेचने में ज्यादा समझदारी है.
लंबे समय की बात करें तो इनकम टैक्स फाइलिंग की उलझनों से बचते हुए समय पर फाइल करना एक सही कदम है. इसके लिए आप किसी अच्छे वित्तीय सलाहकार या चार्टर्ड अकाउंट से सलाह ले सकते हैं.