Credit Card Billing: क्रेडिट कार्ड (Credit Card) की बिलिंग cycle क्या होती है, यह एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब ज्यादातर क्रेडिट कार्ड यूजर्स के पास नहीं होता है. जो क्रेडिट कार्ड (Credit Card) कस्टमर अपने क्रेडिट कार्ड बिलिंग cycle को समझ गया, वो अपने क्रेडिट कार्ड को सही ढंग से manage कर पाएगा, और हर साल क्रेडिट कार्ड के कारण अपना हजारों रुपये बचा पाएगा.
क्या होती है क्रेडिट कार्ड बिलिंग साइकिल
क्रेडिट कार्ड बिलिंग साइकिल (credit card billing cycle) को स्टेटमेंट साइकिल के नाम से भी जाना जाता है. बिलिंग साइकिल (billing cycle) उसी दिन से शुरू हो जाता है जब से क्रेडिट कार्ड (credit card) एक्टिवेट होता है. यह कुछ अपफ्रंट फीस के बैलेंस के साथ शुरू होता है, जो कार्ड पर निर्भर करता है.
उस दिन से क्रेडिट कार्ड (credit card) पर सभी ट्रांजैक्शन क्रेडिट कार्ड बिल में जुड़ते रहते हैं. बिलिंग स्टेटमेंट में अकाउंट चार्ज का भी जिक्र किया जाएगा और बिलिंग साइकिल पूरा होने के बाद इसे आपके पास भेज दिया जाएगा.
बिलिंग साइकिल की अवधि 28 से 32 दिन की हो सकती है. वहीं बिलिंग स्टेटमेंट में आपका बैलेंस, बिलिंग साइकिल के दौरान किए गए भुगतानों की लिस्ट, न्यूनतम शुल्क, बकाया शेष ब्याज, देय तिथि और स्टेटमेंट अवधि के लिए नया बैलेंस बताया जाता है.
बिलिंग साइकल देखकर करें खरीदारी
बिलिंग साइकल के शुरुआती दिनों में क्रेडिट कार्ड (credit card) से बड़ी खरीदारी करते हैं तो दो तरह के फायदे मिलते हैं. इससे आपको बिल चुकाने में 1 महीने से ज्यादा दिन का वक्त मिल जाता है. इससे आप कैश का प्रबंधन भी ठीक से कर सकते हैं. आपको ज्यादा दिन तक बिल चुकाने से छूट मिल जाती है, इसलिए उस पैसे का इस्तेमाल किसी और काम में कर सकते हैं.
मान लें कि आपके क्रेडिट कार्ड का बिलिंग साइकल हर महीने 5 तारीख से लेकर 24 तारीख तक होता है. अगर आप 6 मई को बड़ी खरीदारी करते हैं तो इसका बिल 4 जून को निकलने वाले बिल में जुड़ेगा और आपको 24 जून तक चुकाना होगा. यानी कि 6 मई को की गई खरीदारी पर आपको 24 जून तक बिल चुकाना होगा.
ऐसी स्थिति में आपको बिना ब्याज की अवधि 49 दिन की मिल गई जिसके दौरान आपको क्रेडिट कार्ड का ब्याज नहीं देना है. अगर आप 1 जून को भी कोई खरीदारी करते हैं तो 4 जून को आने वाले बिल में उसे जोड़ दिया जाएगा. इसे भी आपको 24 जून तक चुकाना होगा. ऐसी स्थिति में आपका इंटरेस्ट फ्री पीरियड महज 23 दिनों का ही रहा.
क्या होता है न्यूनतम भुगतान?
यहां न्यूनतम भुगतान का मतलब उस भुगतान से जो आपको अपना क्रेडिट कार्ड चालू रखने के लिए पेमेंट की तारीख या उससे पहले करना ही होता है. आमतौर पर यह कुल बकाया देय राशि की एक छोटी राशि होती है.
न्यूनतम भुगतान करने पर कार्डधारक लेट पेमेंट पेनल्टी से बच सकते हैं, जो क्रेडिट कार्ड पर लगाया जाएगा. वैसे ध्यान रहे कि न्यूनतम भुगतान करने के बजाय पूरी राशि का भुगतान करना बेहतर है, क्योंकि बैंक शेष राशि पर ब्याज लगाएगा और ब्याज दर 48% (सालाना) तक हो सकती है.