बढ़ती मंहगाई के साथ एक और चीज मंहगी हो रही है और वह है एजुकेशन. आज अपने बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन (Education) दिलाने के लिए पेरेंट्स को मोटी रकम चुकानी पड़ती है. हायर एजुकेशन का खर्च उठा पाना सभी के लिए संभव नहीं हो पा रहा है. ऐसे में पेरेंट्स एजुकेशन लोन(Education Loan) की मदद ले सकते हैं. एजुकेशन लोन (Education Loan) एक ऐसी सुविधा बन गई है जिसकी मदद से छात्र अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं.
इसमें कोर्स की बेसिक फीस और कॉलेज के दूसरे खर्च (जैसे हॉस्टल फीस रहने, एग्जाम, लाइब्रेरी और और दूसरे खर्च जैसे एजुकेशनल टूर, प्रोजेक्ट वर्क, थीसिस, आदि चीजों) के लिए लोन मिलता है.
भारत में पढ़ाई करने या हायर एजुकेशन के लिए विदेश जाने के इच्छुक छात्रों को लोन मिल सकता है. हालांकि दोनों जगह पढ़ाई के लिए लोन की रकम अलग हो सकती है, यह बैंक पर भी निर्भर करता है.
फुल टाइम, पार्ट टाइम या वोकेशनल कोर्स के लिए लोन मिलता है. इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, मेडिकल, होटल मैनेजमेंट और आर्किटेक्चर आदि में ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन करने लिए लोन लिया जा सकता है. इसके अलावा बैंकों की लिस्ट में शामिल प्रोफेशनल कोर्स के लिए भी लोन मिल सकता है.
आवेदन करने वाला भारतीय नागरिक होना चाहिए. इंडिया या विदेश में किसी अधिकृत संस्था से मान्यता प्राप्त कॉलेज या यूनिवर्सिटी में एडमिशन हो चुका हो. आवेदक का 12 पास होना.
RBI के मुताबिक एजुकेशन लोन के लिए उम्र की अधिकतम सीमा नहीं है, लेकिन कुछ बैंकों ने सीमा तय कर रखी है. बैंक इसके लिए आवेदक से संस्थान का एडमिशन लेटर, फीस स्ट्रक्चर, 10वीं, 12वीं और ग्रेजुएशन की मार्कशीट मांग सकते हैं.
छात्रों को देश में पढ़ाई के लिए 10 से 15 लाख रुपये तक का Education Loan मिलता है. वहीं विदेश में पढ़ाई के लिए यह राशि 20 लाख रुपये से ज्यादा भी हो सकती है. लोन की रकम फिक्स नहीं है बैंक कम या ज्यादा भी दे सकते हैं.
कोर्स खत्म होने के छह महीने बाद बैंक की किस्त शुरू हो जाती है, कई बार बैंक कोर्स खत्म होने के बाद एक साल की मोहलत भी दे देते हैं. पांच से सात साल में यह लोन चुकाना होता है, कई बार बैंक इसे आगे बढ़ा सकते हैं.