रिटायरमेंट के बाद लोन लेना है तो इन बातों का रखें ख्याल

हमेशा एक बात ध्यान में रखिए कि आपकी फाइनेंशियल रीपेमेंट क्षमता 750 से ऊपर होनी चाहिए. बैंक को आप लोन रीपेमेंट को लेकर विश्वास दिलाइए.

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Image: Pixabay, बैंक को अपनी रीपेमेंट क्षमता के बारे में विश्वास दिलाने के लिए एक सह-उधारकर्ता को जोड़ना एक स्मार्ट तरीका है.

Image: Pixabay, बैंक को अपनी रीपेमेंट क्षमता के बारे में विश्वास दिलाने के लिए एक सह-उधारकर्ता को जोड़ना एक स्मार्ट तरीका है.

सीनियर सिटिजन की लोन एप्लिकेशन रिसीव करते वक्त बैंक थोड़े भयभीत रहते हैं. उनकी कमाई और जीवन की अनिश्चितताएं लोन अप्रूव करने की राह में रोड़े हैं. जीवन में किसी भी अप्रत्याशित और विपरीत परिस्थितियों में तत्काल लोन के रूप में बाहरी वित्तीय मदद आदि की जरूरत हो सकती है. आइए जानते हैं वो टिप्स जो लोन आपकी एप्लिकेशन को योग्य और स्वीकार्य बनाती हैं.

क्रेडिट स्कोर (Credit Score)

सबसे प्रमुख बात है कि क्रेडिट स्कोर (Credit Score) को औसत से ज्यादा बेहतर बनाए रखना. बैंक लोन देने से पहले आपके क्रेडिट स्कोर की जरूर जांच करेगा. खासकर आप होम लोन आदि के लिए अप्लाई करते हैं.

इसके लिए हमेशा एक बात ध्यान में रखिए कि आपकी फाइनेंशियल रीपेमेंट क्षमता 750 से ऊपर होनी चाहिए. बैंक को आप लोन रीपेमेंट को लेकर विश्वास दिलाइए. होम लोन के केस में, हर बैंक का उम्र, कमाई आदि को लेकर अपना अलग क्राइटेरिया होता है. इसलिए लोन अप्लाई करने से पहले इन सभी बातों का जरूर ध्यान रखें.

लोन देने के मामले में बैंक पेंशनहोल्डर्स और स्थिर कमाई वालों को ज्यादा तरजीह देते हैं. हालांकि, ये मामला अलग-अलग बैंकों पर निर्भर करता है. इसलिए तैयारी के साथ जाएं और लोन के लिए आवेदन करें.

को-बौरोअर

बैंक को अपनी रीपेमेंट क्षमता के बारे में विश्वास दिलाने के लिए एक सह-उधारकर्ता (को-बौरोअर) जोड़ना एक स्मार्ट तरीका है. इसके लिए सह-उधारकर्ता के पास स्थिर कमाई और बढ़िया क्रेडिट स्कोर होना बेहद जरूरी है. ये आपकी पत्नी या बेटा कोई भी हो सकता है. वे आपके द्वारा आवेदन में लाई गई अनिश्चितताओं की भरपाई कर सकते हैं.

LTV

लोअर लोन-टू-वैल्यू (LTV) अनुपात का मतलब होता है कि आप लोन में ज्यादा फीसदी राशि देते हैं. यह न केवल ऋणदाता के क्रेडिट जोखिम को कम करेगा बल्कि आपके महीने की ईएमआई के बोझ को भी कम करेगा.

वरिष्ठ नागरिक एक सुरक्षित लोने के लिए गोल्ड, पीपीएफ, संपत्ति आदि जैसे कोलैट्रल आदि चुन सकते हैं. इस मामले में बैंक ज्यादा तनाव मुक्त रहते हैं.

Published - July 27, 2021, 08:49 IST