Smart Tips to Use Credit Card in Diwali Shopping: दिवाली में शॉपिंग करना किसे पसंद नहीं. तरह-तरह के लुभावने ऑफर्स ग्राहकों को प्रभावित कर रहे हैं और कंपनियां क्रेडिट कार्ड पर भारी छूट दे रही हैं. ऐसे में आपको सही प्लानिंग और सावधानी से क्रेडिट कार्ड का उपयोग करना चाहिए क्योंकि पर्सनल लोन, कंज्यूमर लोन या दूसरे किसी भी तरह के कर्ज पर उतना ब्याज नहीं देना पड़ता है, जितना क्रेडिट कार्ड में देना पड़ता है. क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने से व्यक्ति जरूरत से ज्यादा खर्च कर सकता है क्योंकि उसमें खरीदारी का भुगतान बाद में करने की व्यवस्था होती है इसलिए ज्यादा खर्च करने से दूर रहें, क्योंकि दिवाली के बाद आपका मासिक बजट बिगड़ सकता है और क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान करने में मुश्किल पड़ सकती है.
क्रेडिट कार्ड से शोपिंग करने के बाद आपको भुगतान की तारीख याद रखनी होगी. यदि ऑटो-डेबिट की सुविधा का इस्तेमाल नहीं करते, तो भुगतान की तारीख को भूलने कि गलती महंगी पडे़गी.
बकाया रकम को एक बार में चुकाने की कोशिश करें. यदि आपने ऐसा नहीं किया तो आपको लेट फीस के अलावा जुर्माना भी देना पड़ सकता है और ब्याज मिलाकर यह 36 से 48 फीसदी अमाउंट चुकाने की नौबत आ सकती है. फिर भी भुगतान नहीं करने पर पूरी राशि अगले महीने के बिल में जुड़ जाएगी. जिससे आपके क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर पड़ेगा और आप कर्ज के जाल में भी फंस जाएंगे. अगर आप सिर्फ मिनिमम ड्यू पे करते हैं तो आपको बकाया रकम पर 2 से 4% ब्याज देना पड़ता है. यह ब्याज दर सालाना आधार पर 24 से 48 प्रतिशत तक हो जाती है.
जब आपके कार्ड पर आउस्टैंडिंग बैलेंस रहता है तो अगली खरीद पर इंट्रेस्ट-फ्री पीरियड की सुविधा खत्म हो जाती है. आगे की खरीदारी पर पहले दिन से ब्याज जुड़ने लगता है और मोटा ब्याज चुकाना पड़ता है. पेमेंट करने की स्थिति नहीं हो तो EMI करवा लें. EMI पर आपको सालाना 15 से 18 प्रतिशत ब्याज ही देना पड़ेगा.
दो कार्ड होने पर एक कार्ड बंद करवाने से क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो बिगड़ता है. एक कार्ड क्लोज कराने से आपका क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो बढ़ जाएगा. क्योंकि, जो रेश्यो पहले दो कार्ड में बंटा था, अब वो एक ही में होगा और दोगुना होगा. ऊंचा क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो से आपका क्रेडिट स्कोर बिगड़ता है. कार्ड का इस्तेमाल भले ही न करें, लेकिन उसे ऐक्टिव रखें.
भले ही क्रेडिट कार्ड पर आपको लोन पर खरीदारी की सुविधा मिलती है, किंतु कभी भी सीमा से अधिक खर्च नहीं करना चाहिए. यदि आप क्रेडिट लिमिट तक खर्च कर रहे हैं और समय पर उसका भुगतान कर रहे हैं तो भी इससे आपके क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर पड़ता है. क्रेडिट लिमिट बढ़ने के साथ-साथ आपकी खर्च करने की आदत भी बढ़ती जाती है.
क्रेडिट कार्ड कंपनियां कई तरह के ऑफर से ग्राहकों को प्रोत्साहित करती हैं. इनमें कैशबैक, अतिरिक्त छूट, वाउचर्स, एयर माइल, फूड वाउचर्स, रिवॉर्ड प्वॉइंट आदि शामिल होते हैं. अब चाहें तो आप जरूरत से ज्यादा खर्च करें, या फिर इन सुविधाओं का इस्तेमाल बचत करने में करें. इसलिए हमेशा इन ऑफरों का उपयोग चतुराई से करें.
कई बार हम आर्थिक मजबूरी के चलते गलत फैसले कर बैठते हैं. इस दौरान हम क्रेडिट कार्ड पर लोन ले लेते हैं. भले ही इससे तात्कालिक जरूरत पूरी हो जाती है, किंतु इससे कर्ज का बोझ बढ़ जाता है. इसमें लोन पर बहुत अधिक ब्याज लगता है. और आपको नियमित रूप से मंहगी किस्त भरनी पड़ती है.
नई-नई तकनीकों की वजह से क्रेडिट कार्ड से जुड़ी जानकारियों का हैक होना भी आजकल आम बात हो चुकी है. इसलिए हमेशा याद रखें कि जहां भी आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह स्थान सही और भरोसेमंद हो, अन्यथा आपके कार्ड को हैक किया जा सकता है.
क्रेडिट कार्ड से कैश निकालना बहुत महंगा है. निकाली गई रकम पर 2.5 प्रतिशत चार्ज लगता है. इसके अलावा, 2 से 4 प्रतिशत हर महीने के हिसाब से ब्याज भी चुकाना पड़ता है. ब्याज उसी दिन से जुड़ता है. इमर्जेंसी में पैसे निकालने पड़ें तो बार-बार नहीं निकालें, क्योंकि आपको हर बार विद्ड्रॉल चार्ज देना पड़ेगा.