सस्ती से भी सस्ती हो सकती हैं होम लोन की ब्याज दरें, मांग में दिखेगी मजबूती

यूनियन बैंक ने होम लोन की ब्याज दर को 6.5% के साइकोलॉजिकल लेवल से भी नीचे 6.4% पर ला दिया है. इससे बैंकों के बीच रेट और घटाने की होड़ लग सकती है

union bank lowers home loan rate to 6.4 percent, may lead to a cheap loan war

रियल एस्टेट डिवेलपर्स को इसका फायदा मिल सकता है. ब्याज दर घटने से मांग बढ़ेगी. सस्ती EMI पर घर खरीदने का मौका मिलने से लोग आगे आ सकते हैं

रियल एस्टेट डिवेलपर्स को इसका फायदा मिल सकता है. ब्याज दर घटने से मांग बढ़ेगी. सस्ती EMI पर घर खरीदने का मौका मिलने से लोग आगे आ सकते हैं

होम लोन की ब्याज दर घटकर ऐतिहासिक तौर पर और सस्ती हो गई है. यूनियन बैंक ने इसे 6.5 प्रतिशत के साइकोलॉजिकल लेवल से भी नीचे 6.4 फीसदी पर ला दिया है. अब तक 14 बैंक और NBFC सात प्रतिशत से सस्ती दर पर होम लोन दे रहे थे. इनमें 6.5 प्रतिशत अब तक का लो लेवल था. इसके और घटने से अन्य कर्जदाता भी मार्केट शेयर में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए रेट घटाने की कोशिश कर सकते हैं. इसी के साथ 6.25 प्रतिशत जितने निचले स्तर तक जाने की होड़ लग सकती है.

रियल एस्टेट डिवेलपर्स को इसका फायदा मिल सकता है. ब्याज दर घटने से मांग बढ़ेगी. सस्ती EMI पर घर खरीदने का मौका मिलने से लोग आगे आ सकते हैं. साथ ही रियल एस्टेट में ऑटोमोबाइल की तरह अन्य सेक्टरों को भी बढ़ावा देने की क्षमता है. जैसे कि आयरन एंड स्टील, सीमेंट, पेंट, इलेक्ट्रिकल्स और होम डेकॉर. ये सभी सेक्टर खुद में लेबर इंटेंसिव हैं. इनसे तमाम वेंडर और सप्लायर जुड़े होते हैं. इनको भी इस मांग का फायदा मिलेगा.

रियल एस्टेट में भी बड़ी संख्या में कर्मचारी कार्यरत हैं. खास तौर पर ग्रामीण इलाकों से आए प्रवासी मजदूर इसमें काम करते हैं. महामारी के कारण इनपर सबसे अधिक प्रभाव पड़ा था. आवाजाही पर रोक लगने और सोशल डिस्टेंसिंग के चलते वे निर्माण गतिविधियों में हिस्सा नहीं ले पा रहे थे.

इस दौरान नौकरियां छूटने, वेतन में कटौती होने और भविष्य को लेकर अनिश्चितताएं बढ़ने से खरीदार भी पीछे हटने लगे थे. इस कारण डिवेलपर्स के पास इनवेंट्री बढ़ती चली गई.

पहली और दूसरी लहर के बाद मांग बढ़ाने के लिए कई राज्य सरकारों ने कदम उठाए. उन्होंने प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन की स्टांप ड्यूटी को घटाया और सर्किल रेट में भी कटौती की. इससे महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में मांग बढ़ी भी.

सस्ते कर्ज इस मांग को और मजबूत करने का दम रखते हैं. कुछ साल पहले तक होम लोन रेट का 7.5 प्रतिशत से नीचे जाना भी अजूबा होता था. 2015 में देश का सबसे बड़ा बैंक होम लोन 9.5 प्रतिशत से अधिक की ब्याज दर पर दे रहा था. यूनियन बैंक का कदम 6.25 प्रतिशत जितने निचले स्तर तक जाने की रेस शुरू कर सकता है. कर्ज लेने के लिए आगे आने वालों के साथ उन ग्राहकों की भी भीड़ सस्ती दरों वाले बैंकों पर जुट सकती है, जो पहले से लोन ले चुके हैं और अब उन्हें ट्रांसफर कराना चाहेंगे.

Published - October 27, 2021, 10:50 IST