जब भी आप लोन लेकर घर खरीदना चाहते हैं या लोन लेकर कार या फैक्टरी खऱीदने की सोचते हैं तो सबसे पहले आपके मन में यही सवाल आता है की आपको कितना लोन मिलेगा. क्योंकि बैंक आपको 100 फीसदी लोन तो कभी नहीं देता है. आपको कितना लोन मिलेगा ये डिपेंड करता है आपकी एलटीवी (LTV) पर. तो आइए जानते हैं क्या है एलटीवी (LTV) और कैसे असर करता है आपकी प्रॉपर्टी बाइंग पर.
ये लोन-टू-वैल्यू (LTV) या लोन टू कॉस्ट रेशियो लोन की राशि का वह रेश्यो होता है, जो प्रॉपर्टी की कुल वैल्यू पर दिया जा सकता है. एलटीवी की प्रॉपर्टी रेंज 75 प्रतिशत से 90 प्रतिशत तक हो सकती है और यह बैंक से उधार लेने वाले के रिश्ते और स्कीम पर निर्भर करता है. इसके अलावा रिस्क प्रोफाइल भी ध्यान में रखता है, ज्यादा एलटीवी का मतलब बड़ी लोन राशि से है और इसलिए अपनी जेब से आपको कम डाउन पेमेंट अरेंज करनी होती है, लेकिन ईएमआई ज्यादा चुकानी होगी. वहीं कम एलटीवी का मतलब है कि आपको डाउन पेमेंट के रूप में ज्यादा पैसा चुकाना होगा.
मान लें कि आप कोई फ्लैट खरीदना चाहते हैं और उसका वेल्यू है 50 लाख रुपये और बैंक आपको 40 लाख रुपये की लोन दे रहा है तो इसका मतबल एलटीवी 80 प्रतिशत निकलेगा, यानी 10% आपको डाउन पेमेंट करना होगा ज्यादातर बैंक घर, गाड़ी, गोल्ड या किसी और लोन के लिए एसेट वेल्यू का 80 प्रतिशत ही लोन देती हैं, ज्यादा एलटीवी से बैंक का रिस्क बढ़ जाता है.
बैंक ज्यादातर रेशिडेंसियल प्रॉपर्टी, कॉमर्शियल प्रॉपर्टी, इंडस्ट्रीयल प्रॉपर्टी और खाली जमीन को ही मॉर्गेज करता है. एग्रीकल्चर लैंड को मॉर्गेज करने के बारे में नहीं सोचेगा. सामान्यतः होम लोन और लोन अंगेस्ट प्रॉपर्टी पर ही एलटीवी कैल्कुलेट किया जाता है. जिस घर में आप रह रहे हैं यानी सेल्फ ऑक्युपाइड प्रॉपर्टी पर बैंक 75% एलटीवी कैल्कुलेशन करती है और अगर वो किराए की है तो 65% एलटीवी कैल्कुलेट करती है.
बैंक सिर्फ प्रॉपर्टी के वैल्युएशन पर लोन नहीं देता है. बैंक होम लोन देते समय आपकी इनकम प्रूफ, क्रेडिट हिस्ट्री, इंटरनल ड्यू डिजिजंस देखकर ही लोन मंजूर करती है. अगर आपका सिबिल स्कोर 750 से ज्यादा है तो 90% तक लोन मिल सकता है. इसके अलावा 35 लाख रुपये से कम लोन के लिए 90% तक लोन मिल सकता है. अगर आपकी उम्र कम है तो ज्यादा लोन मिलने के चांसेज हैं. अगर आपको ज्यादा लोन लेना है तो कुछ बैंक स्टेंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्जेज भी कंसिडर करते हैं. कई बार हाई एलटीवी के केस में इंटरेस्ट रेट भी बढ़ जाता है. यानी अगर आप 90% एलटीवी लेना चाहते हैं तो इंटरेस्ट रेट 7% से बदले 7.5% हो सकता है.