Transaction: आने वाले 1 अक्टूबर से पैसों के लेनदेन से जुड़ी कुछ अनिवार्यताएं बदल जाएंगी. 30 सितंबर तक आपको यह काम पूरा कर लेना चाहिए, अन्यथा आपको लेनदेन में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. Money9 आपको इन बदलावों के बारे में बता रहा है. जैसे केंद्र सरकार ने 1 अक्टूबर से लेबर नियमों में कई बड़े बदलाव करने जा रही है. नए कानून के मुताबिक, कर्मचारियों की इन-हैंड सैलरी में 7 से 8 फीसदी की कमी आ सकती है.
केंद्र सरकार ने 1 अक्टूबर से लेबर नियमों में कई बड़े बदलाव करने जा रही है. नए कानून के मुताबिक, कर्मचारियों की इन-हैंड सैलरी में 7 से 8 फीसदी की कमी आ सकती है.
इसके अनुसार, कर्मचारियों की बेसिक सैलरी कुल वेतन का 50 फीसदी या इससे अधिक होनी चाहिए. मतलब यह है कि कुल सैलरी में विभिन्न भत्तों का हिस्सा भी बदलने वाला है. साथ ही कर्मचारियों के कामकाजी घंटे 9 से बढ़कर 12 होने वाले हैं.
बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी का सीधा असर PF पर पड़ेगा. जिससे टेकहोम सैलरी में कमी आएगी. हालांकि, आपके पीएफ पर ज्यादा पैसा जाएगा.
सरकार कई बार पैन और आधार को लिंक करने की समय सीमा को बढ़ा चुकी है. अब नई तारीख 30 सितंबर है. यदि इसके बाद भी ये लिंक नहीं होते तो आपका पैन निष्क्रिय हो जाएगा.
आप ऐसे वित्तीय लेनदेन करने में अक्षम हो जाएंगे जहां पैन नंबर देना अनिवार्य होता है, जैसे कि लोन लेना, एकाउंट खोलना वगैरह. साथ ही आपको 1 हजार रुपए का फाइन भी भरना पड़ सकता है.
सेबी ने ट्रेडिंग एकाउंट पर KYC को अपडेट करने की नई समय सीमा 30 सितंबर तय की है. यदि नहीं किया जाता है तो आपका ट्रेडिंग एकाउंट निष्क्रिय हो जाएगा और आप इसके जरिए ट्रेड नहीं कर पाएंगे.
यदि आप शेयर ले चुके हैं तो इनका ट्रांसफर नहीं किया जा सकेगा.
आरबीआई के नए दिशानिर्देश के तहत अब ऑनलाइन ऑटो डेबिट के लिए हर बार ग्राहक की मंजूरी लेना आवश्यक होगा. 1 अक्टूबर से यह नियम प्रभाव में आ जाएगा.
यानि, ग्राहक को ईएमआई, मोबाइल पेमेंट, एसआईपी पेमेंट, क्रेडिट कार्ड पेमेंट वगैरह से हम महीने मंजूरी देना होगा. इसलिए आपको बैंक में अपना नंबर अपडेट करा लेना चाहिए.
यदि बैंक के पास आपका सही नंबर नहीं होगा तो आपको इसके लिए ओटीपी प्राप्त नहीं होगा और आपके खाते से पैसा नहीं कट पाएगा. और ऑटो डेबिट न होने से आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है.
नए नियमों के तहत, बैकों को भुगतान तारीख से 5 दिन पहले ग्राहक को सूचना भेजने होगी. यदि भुगतान 5 हजार रुपए से ज्यादा का है तो हर बार ग्राहक ओटीपी भेजना होगा.