FOMO Effect in Festive Season: अधिक खर्च करने की वजह से कई लोग महीने के अंत में नकदी के लिए भगदड़ मचाते हैं और कार्ड की क्रेडिट लिमिट समाप्त होने के करीब पहुंच जाते हैं, ऐसे वक्त उन्हें मालूम होता है कि उन्होंने गैर-सोचने वाले और दूसरों के प्रभाव में आकर कई ऐसे खर्चे कर दिए हैं, जिसकी आवश्यकता ही नहीं थी. फेस्टिव सीजन में ऐसी परिस्थिति का निर्माण होना आम बात है क्योंकि “SALE – 50% की छूट”, “Buy 1 get 1 Free”, “Cashback”, आदि जैसे लुभावने ऑफर्स लोगों के दिमाग में FOMO (Fear of Missing Out) इफेक्ट पैदा करते हैं. उन्हें हमेशा ये चिंता लगी रहती है कि दूसरे लोग इस ऑफर का फायदा उठा लेंगे और वे पीछे रह जाएंगे.
यदि आप एक सफल वित्तीय योजना बनाना चाहते हैं, तो अव्यावहारिक मिथकों के शिकार होने के बजाय, अपने पैसे का सावधानीपूर्वक और कुशलता से प्रबंधन शुरू करें.
ये सबसे हानिकारक मिथक हैं. याद रखें, कोई भी कंपनी या विक्रेता अपने उत्पादों को नुकसान में बेचना नहीं चाहेगा, इसलिए यदि आप ऐसा सोचते कि आप छूट पर सामान खरीद रहे हैं, तो ये बडा मिथक हैं. सिर्फ इसलिए कि एक सेल लगा है, तो गैर-जरूरी चीजों खरीदना जरूरी नहीं है. सेल से अक्सर लोग उन चीजों को खरीदी करते है जिनकी उनको मुश्किल से आवश्यकता होती है.
रोटी, कपडा और मकान के अलावा व्यक्ति के जीवन में दूसरी कोई चीज अनिवार्य नहीं हैं. कार, बाइक, लग्जरी आइटम, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स आदि जैसी चीजें किसी के जीवन में जरूरी नहीं हैं, हां, बेशक वे चीजों से जीना आसान बनता हैं, लेकिन इसके लिए एक प्रीमियम लागत भी चुकानी पड़ती है, जो आपकी जेब खाली कर सकती है, इसलिए उन्हें खरीदना आपकी प्राथमिकता नंबर 1 नहीं होना चाहिए.
ऐसा मानने वाले लोग बहुत बडे़ मिथक का शिकार बनते हैं. जब आप क्रेडिट कार्ड से कुछ भी खरीदते हैं, तो यह किसी और के पैसे का उपयोग करने जैसा होता है. यदि आप एक चुकौती किस्त चूक जाते हैं तो बड़ी मुसीबत में पड़ सकते हैं.
क्रेडिट कार्ड सबसे महंगा ऋण है, इसलिए इसके भुगतान में कोई भी गड़बड़ी आपको इसके लिए दोगुना भुगतान करवा सकती है. इसलिए, आप जो सामान खरीद सकते हैं उसे ही खरीदें.
क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करना गलत नहीं हैं, लेकिन गलत इस्तेमाल महंगा पड़ सकता है.