किसी भी दूसरे लोन की तरह, क्रेडिट कार्ड में भी डिफॉल्टर होते हैं. और किसी भी दूसरे लोन की तरह ही, डिफॉल्टर्स को पेनल्टी भी भरनी पड़ती है. यदि कोई कस्टमर लगातार छह महीने तक क्रेडिट कार्ड कंपनी को मिनिमम पेमेंट अमाउंट का भुगतान करने में विफल रहता है, तो उसे डिफॉल्टर लिस्ट में डाल दिया जाएगा और उनका क्रेडिट कार्ड अकाउंट तुरंत डीएक्टिवेट कर दिया जाएगा. यहां 9 परिणाम दिए गए हैं, जिनका सामना क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि का नियमित भुगतान न करने पर किसी को करना होगा.
दंडात्मक ब्याज
दंडात्मक ब्याज या Penal interest वह है, जो एक बैंक 60-90-दिन के बाद भी बकाया राशि का भुगतान न करने पर लेता है, ये ब्याज काफी ज्यादा हो सकता है. यह आमतौर पर 6% से 20% के बीच होता है, जो बकाया राशि को तेजी से और ज्यादा बढ़ा देता है. दी गई समय अवधि के खत्म होने के बाद एक दिन की देरी होने पर भी यह ब्याज लिया जाएगा.
ब्लैक लिस्ट
यदि कोई नियमित रूप से भुगतान करने में विफल रहता है तो बैंक और क्रेडिट कार्ड कंपनियां उस व्यक्ति को ब्लैकलिस्ट कर देंगी. डिफॉल्ट की सूचना अन्य सभी क्रेडिट ब्यूरो को भी दी जाएगी. यह जानकारी सभी बैंकों, उधार देने वाली एजेंसियों और क्रेडिट कार्ड कंपनियों की पहुंच में होगी, जो व्यक्ति की भविष्य की सभी क्रेडिट आवश्यकताओं को प्रभावित करती है.
क्रेडिट ब्लॉक
डिफॉल्टर को आगे कार्ड का उपयोग करने से रोकने के लिए बैंक पहले उसके क्रेडिट कार्ड को ब्लॉक कर देंगे. कार्ड ब्लॉक होने पर कार्ड होल्डर किसी सर्विस का भुगतान करने के लिए कार्ड स्वाइप नहीं कर पाएगा. वो केवल सभी बकाया राशि का भुगतान करके अपना कार्ड और सेवाएं बहाल कर सकता है.
लेट फीस
यदि आप अपने क्रेडिट कार्ड के भुगतान में देरी करते हैं, तो आपसे लेट फीस वसूली जाएगी. आपके अगले बिलिंग स्टेटमेंट में देर से या छूटे हुए भुगतानों के ऊपर लगी लेट फीस भी शामिल होगी. आपसे लेट फीस चार्ज लिया जाना आपकी क्रेडिट कार्ड लेट फीस पॉलिसी पर निर्भर करेगा या इस बात पर कि यह पिछले छह महीनों में पहली बार हुआ है या नहीं. साथ ही, यदि आपका भुगतान हर महीने देर से होता है, तो आपसे लेट फीस पेमेंट या न्यूनतम भुगतान से कम शुल्क लिया जाएगा.
कानूनी कार्रवाई (लीगल एक्शन)
क्रेडिट कार्ड पेमेंट डिफॉल्ट के लिए अदालत में कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. उल्लंघन करने वाले का नाम भी देश की क्रेडिट कार्ड डिफॉल्टर लिस्ट का हिस्सा होगा. यह एक सिविल डिस्प्यूट (दीवानी विवाद) हो सकता है और केस कोर्ट में फाइल किया जा सकता है.
रिकवरी एजेंट
आमतौर पर, बैंक ग्राहकों को बिलों का भुगतान करने के लिए कुछ समय देते हैं. यह 60 दिनों से 90 दिनों के बीच किसी भी पीरियड के लिए बढ़ाया जा सकता है और बैंक टू बैंक ये पीरियड अलग हो सकता है. यदि इस पीरियड के बाद भी भुगतान नहीं किया जाता है, तो केस बैंक के रिकवरी हाउस को भेजा जाएगा. इसके बाद रिकवरी एजेंट कार्ड होल्डर से संपर्क करेंगे और उसे जल्द से जल्द बिलों का भुगतान करने के लिए कहेंगे.
क्रेडिट स्कोर
पेमेंट में डिफॉल्ट होने पर ग्राहकों की क्रेडिट रेटिंग निश्चित रूप से कम हो जाएगी. ऐसा इसलिए है क्योंकि क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां नियमित रूप से क्रेडिट कार्ड होल्डर्स और उनके पेमेंट हिस्ट्री के बारे में रिपोर्ट रिसीव करती हैं. देर से पेमेंट की वजह से आपका क्रेडिट स्कोर गिर जाता है और फ्यूचर में लोन से रिलेटेड सभी ट्रांजेक्शन पर इसका खराब प्रभाव पड़ेगा.
क्रेडिट रिपोर्ट होगी प्रभावित
देर से भुगतान आपकी क्रेडिट रिपोर्ट को भी प्रभावित करता है. यदि आपका भुगतान 30 दिनों से अधिक देर से होता है, तो क्रेडिट रिपोर्ट में एक एंट्री जोड़ी जाती है. यह एंट्री 7 साल तक रह सकती है. यह अगले 7 सालों के लिए आपके क्रेडिट स्कोर/रिपोर्ट पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा.
सलाखों के पीछे?
अधिकांश बैंक आमतौर पर डिफॉल्टर को न्यूनतम भुगतान करने के लिए उचित समय देते हैं. बकाया की वसूली के लिए अंतिम कदम के रूप में क्रेडिट कार्ड कंपनियां सिविल केस फाइल करेंगी. आम तौर पर, सिविल डिस्प्यूट के लिए क्रिमिनल केस फाइल नहीं किए जा सकते हैं और इसलिए किसी को जेल नहीं भेजा जा सकता है यदि कोई समय पर क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि का भुगतान करने में विफल रहता है.