Digital Payment के लिए जरूरी नहीं होगा स्मार्टफोन, क्या ऑफलाइन होगा पेमेंट?

साइबर एक्सपर्ट रक्षित टंडन कहते हैं कि ऑफलाइन फीचर फोन से पेमेंट की यह सुविधा एसएमएस या वॉइस कॉल द्वारा प्रमाणिकरण के जरिए उपलब्ध हो सकती है.

ECS:

image: pixabay, ECS लेनदेन के लिए भुगतान/रसीद का एक इलेक्ट्रॉनिक तरीका है जो रिपिटेटिव और नेचर में पीरियॉडिक है.

image: pixabay, ECS लेनदेन के लिए भुगतान/रसीद का एक इलेक्ट्रॉनिक तरीका है जो रिपिटेटिव और नेचर में पीरियॉडिक है.

फीचर फोन (Feature phone) का इस्तेमाल करने वाले लोगों के लिए बड़ी खबर है. जल्द ही वे अपने फोन से डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) करने में सक्षम होंगे. अभी सिर्फ स्मार्टफोन से ही डिजिटल पमेंट करना संभव है. भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) अब एक ऐसे प्रोजेक्ट की टेस्टिंग कर रहा है, जिससे फीचर फोन से भी डिजिटल पेमेंट करना संभव हो सकेगा. खास बात यह है कि इसके लिए थर्ड पार्टी एप या स्थिर इंटरनेट कनेक्शन की भी जरूरत नहीं पड़ेगी.

चल रही टेस्टिंग

अगर यह टेस्टिंग सफल रहती है, तो देश के करोड़ों लोग जो फीचर फोन का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें बड़ा फायदा होगा. इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, NPCI फीचर फोन उपभोक्ताओं के लिए वॉइस बेस्ड पेमेंट सेवा (voice based payment service) की टेस्टिंग कर रहा है. यह प्रोजेक्ट इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पॉन्स (IVR) पर आधारित होगी. अभी यह प्रोजेक्ट बीटा टेस्टिंग मोड में है और भारतीय रिजर्व बैंक इस प्रोजेक्ट की निगरानी कर रहा है.

यूं होगा मुमकिन

इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) के सलाहकार रक्षित टंडन से जब हमने इस बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि यह सुविधा एसएमएस या वॉइस कॉल द्वारा प्रमाणिकरण के जरिए उपलब्ध हो सकती है. उन्होने बताया कि जिस तरह आज हम एसएमएस और कॉल के जरिए अपना एटीएम कार्ड ब्लॉक कराने जैसे कार्य करते हैं, उसी तरह यह सुविधा काम कर सकती है.

टंडन ने बताया कि इंटरनेट की गैर-मौजूदगी में बैंक रजिस्टर्ड नंबर पर एसएमएस या कॉल के जरिए अकाउंट नंबर, ओटीपी आदि सत्यापित कर भुगतान को पूरा कर सकते हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि एनपीसीआई के इस प्रोजेक्ट के बारे में पूरी जानकारी बाहर आने के बाद ही इस सुविधा के बारे में जाना जा सकेगा.

क्या हैं चुनौतियां

रिपोर्ट के अनुसार, यह सुविधा फीचर फोन का उपयोग करने वाले लोगों को मर्चेंट भुगतान के साथ ही पीयर-टू-पीयर (P2P) लेनदेन करने की अनुमति भी प्रदान करेगी. इसमें UPI पिन की तरह ही यूजर के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर, डेबिट कार्ड और बैंक खाते से जुड़ा एक ऑथेंटिकेशन पिन जनरेट किया जाएगा.

हालांकि, स्मार्टफोन पर मिलने वाली डिजिटल पेमेंट सुविधा की तरह ही यहां भी सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा होगा. NPCI के लिए इस सुविधा में सुरक्षा को मजबूत करना और बैंकों के कॉलिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को सक्षम बनना एक चुनौती होगी.

Published - July 22, 2021, 01:06 IST