काम की खबर: SBI के खाताधारक घर बैठे ही जमा करें ये जरूरी फॉर्म

SBI: फॉर्म बैंक में जमा कर यह तय किया जा सकता है कि जमा पर मिलने वाली ब्याज राशि टैक्स के दायरे में नहीं है. इस वजह से यहां TDS ना काटा जाए

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SBI: भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के खातधारकों के लिए यह खबर काम की साबित हो सकती है. 15G और फॉर्म 15H उन्‍हें ब्रांच जाने की जरूरत नहीं है.

यह काम वे घर बैठे ही ऑनलाइन भी कर सकते हैं. फॉर्म जमा करने के बाद आप टीडीएस कटाने से बच सकते हैं. यहां हम आपको पूरी प्रक्रिया बताने जा रहे हैं.

ये है प्रक्रिया

सबसे पहले www.onlinesbi.com पर जाएं और अपने यूजरनेम और पासवर्ड के साथ अकाउंट लॉगइन करें. अब ‘ई-सर्विसेज’ टैब पर क्लिक करें. ‘ई-सर्विसेज’ टैब के तहत ‘फॉर्म -15 जी / फॉर्म -15 एच’ विकल्‍प को चुनें.

CIF No. चुनें और ‘Submit’ पर क्लिक करें. अब उस ब्रांच कोड को चुनना होगा जहां फॉर्म जमा करना आवश्यक है और सबमिट पर क्लिक करें.

आपको फॉर्म का पार्ट -1 भरना है जिसमें कुछ जानकारी पहले से ही भरी हुई है. एक ऑप्शन होगा: “Whether assesed to tax” अगर आप ITR फाइल करते हैं, तो ‘हां’ चुनें, यदि नहीं’ तो ‘ना’ चुनें.

इसके बाद सबमिट पर क्लिक करें. एक नया टैब खुल जाएगा जहां आपको एक बार फिर सभी डिटेल्स दिखाई देंगी. इन डिटेल्स को चेक करें और ‘Confirm’ पर क्लिक करें.

आपके मोबाइल नंबर पर ओटीपी भेजा जाएगा. ओटीपी दर्ज करें और ‘Confirm’ पर क्लिक करें. एक बार फॉर्म सबमिट हो जाने के बाद UIN नंबर जेनरेट होगा.

जानें दोनों फॉर्म के बारे में

सीए आलोक अग्रवाल के मुताबिक, फार्म 15जी और फॉर्म 15एच एक फार्म है, जो आप अपने बैंक में जमा कर सकते हैं.

अगर आपके द्वारा अर्जित कुल आय पर कोई कर दायित्व नहीं है, तो टीडीएस आपकी आय से कटौती नहीं की जाती है. यह फॉर्म हर साल जमा किए जा सकते हैं.

इसलिए आपको यह जांचना है कि आप इन फॉर्म को भरने के लिए पात्र हैं या नहीं, या फिर भी अगर आपकी आय कर के दायरे में नहीं है, तो आप पात्र नहीं हैं.

गलत जानकारी पर पेनल्टी और सजा का प्रावधान

फॉर्म 15जी में गलत डिक्लेयरेशन पर इनकम टैक्स एक्ट की धारा 277 के तहत पेनल्टी और सजा का प्रावधान है.

फॉर्म 15G और 15H को बैंक में जमा कर यह तय किया जा सकता है कि जमा पर मिलने वाली ब्याज राशि इनकम टैक्स के दायरे में नहीं है. इस वजह से यहां TDS ना काटा जाए. सरकार की तरफ से तय राशि सीमा 40 हजार रुपये सालाना से कम है.

इन फॉर्म को हर साल भरना होता है. इसलिए अपने एफडी की राशि पर नजर बनाए रखें. ध्यान रहे कि 60 साल से कम उम्र के लोगों को फॉर्म 15 एच भरना होता है.

60 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति या HUF (हिंदू अविभाजित परिवार) या ट्रस्ट या अन्य इस फॉर्म को भर सकते हैं. यह फॉर्म कंपनियों या फर्म के लिए नहीं है.

फॉर्म 15G सीनियर सिटिजन के लिए होता है. 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को एफडी कराते समय फॉर्म 15जी भर कर जमा कर देना चाहिए.

फॉर्म को भरने से चूके जाते हैं तो आप इनकम टैक्स रिटर्न यानी आईटीआर में असेस्मेंट में टीडीएस क्लेम कर सकते हैं. आयकर विभाग रिफंड कर देगा.

Published - May 31, 2021, 12:41 IST