देश का सबसे बड़ा बैंक देगा जनधन कार्ड पर दो लाख का दुर्घटना बीमा कवर, यहां जानें पूरी डिटेल

SBI RuPay Jan-Dhan Card: 10 वर्ष से अधिक आयु का व्यक्ति खाता खोल सकता है. sbi कुल जन-धन लाभार्थियों में से 38.87% को कार्ड जारी कर चुका है.

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सरकार चाहती है कि बैंक जन धन अकाउंट को अटल पेंशन योजना, पीएम स्वनिधि, स्टैंड अप इंडिया और सुकन्या समृद्धि जैसी योजनाओं के साथ जोड़ दें.

सरकार चाहती है कि बैंक जन धन अकाउंट को अटल पेंशन योजना, पीएम स्वनिधि, स्टैंड अप इंडिया और सुकन्या समृद्धि जैसी योजनाओं के साथ जोड़ दें.

SBI रुपे जनधन कार्ड (SBI RuPay JanDhan Card) में आवेदन करने पर देश का सबसे बड़ा बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (State Bank Of India) 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर देगा. SBI कुल जनधन लाभार्थियों में से 38.87% को रुपे कार्ड (SBI RuPay Jan-Dhan Card) जारी कर चुका है. कुल 12.85 करोड़ जनधन लाभार्थियों में से 30.44% के पास SBI में खाते हैं. गौरतलब है कि जनधन खातों में जमा 1.46 लाख करोड़ रुपये के कुल जमा का 25.67% SBI के पास है.

वित्तीय समावेश का एक बड़ा प्रोग्राम

प्रधानमंत्री जनधन योजना सरकार का प्रमुख वित्तीय समावेश कार्यक्रम है. जिसका उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभ देना है. जनधन खातों में दुर्घटना कवरेज के अलावा न्यूनतम बैलेंस मैंटेन करने की आवश्यकता नहीं होती है.

इसमें जनधन खाता 6 महीने तक ठीक से संचालित होने के बाद, पात्रता मानदंड के अंतर्गत ओवरड्राफ्ट सुविधा भी पेश की जाती है. जिन लोगों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से वित्तीय सहायता मिलती है, उन्हें सीधे इन खातों में नकदी प्राप्त होती है.

10 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति जनधन खाता खोल सकता है. आधार कार्ड पते और पहचान के प्रमाण के रूप में पर्याप्त होगा और खाता खोलने के लिए किसी अन्य प्रमाण की आवश्यकता नहीं है. यदि पता बदल गया है तो सेल्‍फ क्लैरिफिकेशन काफी होगा. यदि आधार कार्ड उपलब्ध नहीं है, तो मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट और मनरेगा कार्ड पते और पहचान दोनों के प्रमाण के रूप में पर्याप्त होगा.

2014 में लॉन्च हुई थी जनधन योजना

गौरतलब है कि जनधन योजना बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के फ्लैगशिप कार्यक्रमों में से एक है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी की केंद्र में सरकार बनने के बाद 15 अगस्त 2014 को इस स्कीम का ऐलान किया था. इसका मकसद देश की ऐसी आबादी को बैंकिंग सेवाओं से जोड़ना है जिनका किसी भी बैंक में खाता नहीं है और जिनकी बैंकों तक पहुंच नहीं है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए तक़रीबन 7.25 लाख बैंक कर्मचारियों को ईमेल भेजा था जिसमें उन्होंने 7.5 करोड़ बैंक खातों को खोलने के लक्ष्य को प्राप्त करने और वित्तीय समावेश का लक्ष्य हासिल करने में मदद देने का आग्रह किया था.

Published - April 21, 2021, 04:40 IST